January 18, 2025 12:33 PM

Menu

जनता कर्फ्यू के समर्थन में डॉ0 लखन राम जंगली की वनवासी बोली की कविता।

सोनप्रभात/ सोनप्रभात

(कला एवं साहित्य) 

  • राखेक ह एतवारी – डॉ0 लखनराम ‘जंगली’

जनता करफू घर घर रहही,राखेक ह एतवारी,

कोरोना जाही ना जबले, जंग हमर ह जारी।

घरही खाब नहाब एक दिन, कवन पहार ढहावेक ह,

रोजै दुखणा ,एक दिना बर करमा उधवा गावेक ह,

हाथ धोवाई साफ सफाई , रोजै रहही जारी।

अस्पताल में झुठै भीड़ बढावेक नइखै ,

बिन मतलब के राशन तेल जुटावेक नइखै ,

भीड़ से बचके,सच जाने बर समाचार सरकारी।

खउरा कुकरा भूकै जेतना, चाहे खीस निपोरै,

हरहा मरहा बरदा बछिया चाहे जेतना छोरै,

बेण छेक के ढाक तोप के,राखेक ह फुलवारी।

सेवा मे जेतना भाई हं, उनकर मान बढावेक ह,

मन टूटै ना उनकर दउआ, अइसन चाल चलावेक ह, डक्टर कहै करेक ह वोही,तब जाही महमारी।

डॉ0 लखनराम’जंगली’ 

                      लिलासी-सोनभद्र 

Ad- Shivam Medical

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On