April 19, 2025 1:11 PM

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बीजपुर कम्पोजिट विद्यालय में एसएमसी फंड के लिए एबीएसए का ‘जुगाड़ू खेल’: षडयंत्र का चक्रव्यूह और बच्चों का भविष्य दांव पर.

एक महीने के भीतर तमाम खबरों की सुर्खियां बटोरे एबीएसए विश्वजीत कुमार. बीजपुर कम्पोजिट विद्यालय में किए गए कई अनियमितताओं का मामला प्रकाश में.
बीजपुर कम्पोजिट विद्यालय

Sonbhadra News : Ashish Gupta / Sonprabhat Live

  • कई मामलों में जांच की मांग की उठ रही आवाज, कार्यशैली पर उठते सवाल को लेकर अब तक कोई कार्यवाही नहीं।
  • उच्च अधिकारी संज्ञान लें और निष्पक्ष कार्यवाही करें, अनेकों मामलों में खबरों की सुर्खियां बन चुके एबीएसए म्योरपुर।
  • भाजपा जिलाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए कई लिखित शिकायत पत्र देने के बावजूद बीएसए का उदासीन रवैया, एक बड़े मैनेज के खेल की ओर इशारा।

सोनभद्र के बीजपुर कम्पोजिट विद्यालय में एक सनसनीखेज साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) विश्वजीत कुमार द्वारा कंपोजिट विद्यालय बीजपुर में किए गए कई अनियमितताओं का मामला प्रकाश में आ रहा है। एक मुख्य मामला एस एम सी फंड से जुड़ा है, जिसमे प्रभारी प्रधानाध्यापक के निलंबन के बाद कोई प्रभारी प्रधानाध्यापक न होने से फंड लैप्स होने का खतरा मंडरा रहा है। इस षडयंत्र के चलते बच्चों की शिक्षा और खेलकूद गतिविधियों पर भी गहरी चोट पड़ी है। अभिभावकों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे इसे लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

साजिश की शुरुआत: खेलकूद से लेकर फंड तक झटका

कम्पोजिट विद्यालय बीजपुर के लिए यह साल मुसीबतों से भरा रहा। पहले राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में स्कूल की कबड्डी टीम को अपेक्षित समर्थन न मिलने के कारण हार का सामना करना पड़ा। अब शासन से आए लाखों रुपये के एसएमसी फंड के लैप्स होने का खतरा मंडरा रहा है। शासन ने साफ निर्देश दिए थे कि विद्यालय विकास, इको क्लब, माता उन्मुखीकरण, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए दी गई यह राशि 31 मार्च 2025 तक हर हाल में उपयोग होनी चाहिए, वरना यह वापस चली जाएगी। लेकिन ढाई महीने से प्रभारी प्रधानाध्यापक का पद खाली होने के कारण यह राशि अब तक निकाली नहीं जा सकी है।

बीजपुर कम्पोजिट विद्यालय

सूत्रों का दावा है कि इस संकट के पीछे एबीएसए विश्वजीत कुमार का हाथ है। उनके द्वारा अपने चहेते संकूल शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने की कोशिश की गई, लेकिन वरिष्ठता के विवाद ने योजना को अटका दिया। इसके बाद शिक्षिका आशा रानी के निलंबन और कई अन्य शिक्षकों को हटाने जैसे कदम उठाए गए, जिसे सूत्र फंड की बंदरबांट का हिस्सा मानते हैं।

फंड का खेल: ‘सेटिंग-गेटिंग’ का जुगाड़ शुरू

अंदरखाने की खबर है कि एबीएसए ने अब इस फंड को निकालने के लिए ‘सेटिंग-गेटिंग’ का खेल शुरू कर दिया है। सवाल यह है कि क्या यह पैसा वाकई बच्चों और स्कूल के हित में लगेगा, या कुछ चुनिंदा लोगों की जेब में जाएगा? अगर यह राशि लैप्स हुई, तो जिम्मेदारी शिक्षकों पर डालकर उनकी नौकरी पर और गाज गिराई जा सकती है। इस बीच, अभिभावकों का कहना है कि अगर फंड का दुरुपयोग हुआ, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।

एसएमसी अध्यक्ष की बेबसी: ‘कुछ पता ही नहीं’

एसएमसी अध्यक्ष सुधा देवी ने इस मामले में अपनी असहायता जाहिर की। उन्होंने कहा, “मुझे नवंबर 2024 में अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन 2024-25 की ग्रांट से क्या काम हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। आशा रानी मैडम के निलंबन के बाद किसे प्रभारी बनाया गया, यह भी नहीं बताया गया। शिक्षकों के हटने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अधिकारियों को जल्द कदम उठाना चाहिए।” उनकी यह बात व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है।

अभिभावकों का गुस्सा: ‘बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं सहेगा’

विद्यालय के अभिभावक इस मामले से बेहद नाराज हैं। एक अभिभावक ने कहा, “यह पैसा हमारे बच्चों की शिक्षा और स्कूल की बेहतरी के लिए आया था। अगर इसका गलत इस्तेमाल हुआ, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।” वहीं, कुछ का मानना है कि यह सारा खेल एबीएसए और उनके करीबियों की मिलीभगत से चल रहा है।

फाइल फोटो : विद्यालय में जांच के दौरान ए बी एस ए विश्वजीत कुमार

एबीएसए पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल

विश्वजीत कुमार का नाम इससे पहले भी विवादों में आ चुका है। शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें अनियमितताओं और पक्षपात के आरोप शामिल हैं। इस मामले ने अब उनकी कार्यशैली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

आगे क्या?

बीजपुर कम्पोजिट विद्यालय का यह विवाद अब सिर्फ फंड तक सीमित नहीं है। यह बच्चों के भविष्य, शिक्षकों की आजीविका और सरकारी धन के इस्तेमाल की पारदर्शिता का सवाल बन गया है। अगर समय रहते इसकी निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला और बड़ा रूप ले सकता है। अभिभावकों की नजर अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग पर टिकी है कि वे इस ‘जुगाड़ू खेल’ को कैसे रोकते हैं। इससे पहले भी ए बी एस से विश्वजीत कुमार से जुड़ी कई खबरें तमाम मीडिया चैनलों और अखबारों की सुर्खियां रही हैं। पिछले खबर यहां पढ़ सकते है।

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