Sonbhadra News/Report:जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरों चीफ सोनभद्र
दुद्धी, सोनभद्र। मुंसिफ कोर्ट परिसर के डॉ राजेंद्र प्रसाद सभागार में सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथ गुप्ता के आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में उनके व्यक्तित्व को याद करते हुए कई अधिवक्ताओं की ऑंखें नम हो गई। उनके कार्यकाल पर प्रकाश डालते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि श्री गुप्ता व्यक्तित्व के धनी और अखड़ स्वभाव के अधिवक्ता थे जो अपने पेशे के प्रति काफ़ी ईमानदार एवं जिम्मेदार रहते थे।
प्रतिदिन समय से कचहरी पहुंचना उनका पेशा था। समय को लेकर वह हमेशा मुवकीलों को भी डाटते रहते थे लेकिन बाद में उन्हें प्यार से समझाते भी थे।उनके परम शिष्य सत्यनारायण यादव उनके सानिध्य को याद करते हुए भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि गुरु को खोने का क्या एहसास होता है आज उन्हें समझ आया। बताया कि गुरूजी कार्यों को लेकर जिम्मेदार बनने की हमेशा सलाह देते थे। ज़ब मैं सन 2000 में कचहरी आया तो गुरूजी ने हमें अपने शिष्य के रूप में अपनाकर बहुत कुछ सीखा गए। मैं आज जो भी हूँ वो मेरे गुरु श्री विश्वनाथ गुप्ता की देन है।
बता दें कि श्री गुप्ता सन 1979 में वकालत पेशे में आए थे, और करीब 45 साल वकालत पेशे को देने के बाद शनिवार को लखनऊ में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर शनिवार को देर रात पतरिहा गाँव पहुंचा और रविवार दोपहर कनहर नदी तट पर विधि -विधान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमचंद यादव, रामलोचन तिवारी, राजेंद्र श्रीवास्तव, अशोक कुमार, विजय कुमार, नंदलाल, विष्णुकांत तिवारी, जितेंद्र श्रीवास्तव, कुलभूषण पाण्डेय, नागेंद्र श्रीवास्तव, सत्यनारायण यादव,कैलाश गुप्ता, मनोज मिश्रा,रामेश्वर तिवारी, अंजनी सिंह, राजेंद्र प्रसाद,राकेश तिवारी,पीयूष कुमार अग्रहरी, आशीष गुप्ता,आशीष तिवारी,रमेश यादव, शशि गुप्ता, गोविन्द अग्रहरी सहित काफ़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन डीबीए सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने किया।
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