सोनभद्र / सोन प्रभात / आशीष गुप्ता
सोनभद्र जनपद में क्राइम स्तर दिन प्रतिदिन रुकने का नाम नही ले रहा। आए दिन हत्या, तस्करी, चोरी, दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा। वहीं बीते 29/30 अप्रैल की रात एक घटना प्रकाश में आई जिसे सुनकर रात में सफर करने वाले यात्री सोच में पड़ जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
संजीव बस प्रतिदिन बनारस से रात्रि में 11 बजे छूटती है और चोपन , रेणुकूट, म्योरपुर, सागोबान्ध के रास्ते रामानुजगंज छत्तीसगढ़ तक जाती है। बस में सवार सागोबांध निवासी अरविंद ओझा पुत्र रामनारायण ओझा बनारस से घर जा रहे थे, रात में 2 बजे से ढाई बजे के बीच में बस चोपन बस स्टैंड पर रुकती है। जहां नशे में धुत चार मनबढ़ बस पर चढ़ते है और पहली सीट पर बैठे अरविंद ओझा से बेवजह झड़प करने लगते है। एक साथ चार लोगों को देख अरविंद ओझा सहम जाता है। वही मनबढ़ो ने अरविंद ओझा को धमकी देते हुए कहा कि बस से मत उतरना, साथ ही थोड़ी बहुत हातापाई भी हुई।
अरविंद ओझा अपनी लघुशंका दूर करने के लिए जैसे ही बस से उतरता है, तभी चारो मनबढ़ युवक ललकार कर उस पर हमला कर देते हैं, इस बीच बस के यात्री और बस कंडक्टर बीच बचाव के लिए आगे आते हैं और बताते हैं कि ब्राह्मण युवक है, मत मारो लेकिन नशे में धुत मनबढ़ कुछ और ही धुन में थे। पैर से चप्पल निकालकर, हाथ और पैरों से अरविंद ओझा को मारने लगते हैं। बस परिचालक और यात्रियों के रोकने पर मनबढ़ थोड़ी देर बार छोड़ देते हैं। अरविंद ओझा सिर्फ कातर निगाहों से लोगों को देखता रहता है, लेकिन उसके स्वाभिमान को गहरी ठेस पहुंच चुकी थी।
चाय दुकान वाले स्थानीय बने मूकदर्शक, यात्रियों में भी बना भय का माहौल
इस घटना के बाद युवकों की पहचान हेतु एक यात्री ने अपने मोबाइल से एक छोटा वीडियो बनाने में सफल रहता है, साथ ही इस झड़प और मार पीट के बाद बस तुरंत चल देती है। डायल 100 पर फोन करके घटना की सूचना एक यात्री के द्वारा दी गई। मार पीट करने के बाद युवक दुकानों में मसखरी करते नजर आए, इससे प्रतीत हुआ यदि चोपन पुलिस थोड़ा भी जानकारी जुटाती तो मन बढ़ो की पहचान जरूर हो जाती।
चोपन पुलिस ने पीड़ित को बुलायासुबह आइए, सुबह जाने पर समझाने लगे ज्यादा चोट नही लगा है तो मत कीजिए एफ आई आर
सागोबांध से चोपन की दूरी लगभग लगभग 80 किमी है, इतना दूरी तय करके पीड़ित जब न्याय की आस में कड़ी धूप में चोपन थाने पहुंचता है, तो वहां पर उसे कई तरह की बाते समझाकर एफ आई आर करने से मना किया गया। पीड़ित ने मीडिया से सहायता की मांग की और आप बीती बताई।
क्या इस तरह की घटनाएं कार्यवाही के बिना नहीं बढ़ेंगी? आखिर पुलिस से कितना उम्मीद किया जाए?
पीड़ित अरविंद ओझा ने सोन प्रभात को दिए बयान में बताया कि पुलिस से मुझे सिर्फ ये उम्मीद थी कि उन मनबढ़ युवकों को खोजकर उनकी गलती का एहसास दिला देते, मुझे माफी मांग लेते। लेकिन यहां स्वाभिमान खोकर भी पुलिस से सिर्फ चिकनी चुपड़ी बातें सुनने को मिली। सवाल सिर्फ इस घटना का नहीं है, बात यहां रात्रि में हो रहे इस तरह के वारदात का बड़ा रूप ले लेने से है। क्या जब कोई बड़ा वारदात हो जाए तभी पुलिस कार्य करेगी?
पीड़ित ने सोनभद्र पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार
सोनभद्र पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में घटना को डालकर पीड़ित ने ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की है। रात्रि के घटना के दौरान चाय दुकान वालो के हाव भाव से पूर्णतः स्पष्ट था कि दुकान वाले मनबढ़ युवकों की पहचान जरूर जानते है। एक सार्थक न्याय की गुहार पीड़ित ने लगाई है।
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