June 23, 2025 7:44 PM

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अपहरण मामले में दोषी को 7 वर्ष की कठोर कैद, पीड़िता को मिलेगा मुआवजा

Sonbhadra News – Rajesh Pathak / Sonprabhat News 

सोनभद्र।करीब साढ़े छह वर्ष पुराने एक नाबालिग छात्रा के अपहरण के मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) श्री अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए आरोपी अंकित सिंह को 7 वर्ष की कठोर कैद एवं 10 हजार रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अर्थदंड की राशि न चुकाने की स्थिति में दोषी को एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। सजा के दौरान जेल में बिताई गई अवधि को भी सजा में समाहित किया जाएगा।

इसके साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया कि लगाए गए अर्थदंड की कुल राशि में से 8 हजार रुपये पीड़िता को बतौर मुआवजा प्रदान किए जाएंगे, ताकि उसे मानसिक व सामाजिक स्तर पर कुछ राहत मिल सके।

मामला: नाबालिग छात्रा का अपहरण और छेड़छाड़

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला वर्ष 2018 का है। शाहगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव निवासी व्यक्ति ने 25 सितंबर 2018 को थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में बताया गया था कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री, जो इंटर की छात्रा थी, 20 सितंबर को सुबह स्कूल जाने के लिए निकली थी लेकिन घर वापस नहीं लौटी। परिजनों ने रिश्तेदारी व अन्य संभावित स्थानों पर तलाश किया, परंतु उसका कोई सुराग नहीं लगा।

21 सितंबर को पीड़िता ने स्वयं फोन कर परिजनों को सूचित किया कि वह सागर (मध्यप्रदेश) के बहेलिया थाने में है और उन्हें तुरंत वहां पहुंचने को कहा। परिजन जब अपने भांजे को साथ लेकर वहां पहुंचे, तो उन्होंने बेटी को आरोपी अंकित सिंह के साथ पाया। वापस लौटते समय चोपन रेलवे स्टेशन पर आरोपी भाग निकला।

घर आने के बाद पीड़िता ने जो आपबीती सुनाई, वह चौंकाने वाली थी। उसने बताया कि स्कूल जाते समय आरोपी अंकित सिंह, जो शाहगंज थाना क्षेत्र के सहुआर गांव का निवासी है, रास्ते में मिला और कहा कि उसकी सहेली पूनम सिंह ने बुलाया है। भरोसा कर वह उसके साथ मोटरसाइकिल पर बैठ गई। रॉबर्ट्सगंज पहुंचने पर जब पीड़िता ने पूछा कि कहां ले जा रहे हो, तो आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी। भयवश वह चुप रही और आरोपी उसे चोपन रेलवे स्टेशन होते हुए ट्रेन से सागर, मध्यप्रदेश ले गया। वहां आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ भी की।

पुलिस ने किया था मुकदमा दर्ज

पीड़िता के पिता की शिकायत पर शाहगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई। विवेचक द्वारा गहन जांच कर पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अंकित सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ताओं – दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने पक्ष रखा और सशक्त पैरवी की।

न्यायालय का सख्त रुख

दोनों पक्षों की दलीलों, गवाहों के बयानों एवं प्रस्तुत साक्ष्यों का गहन परीक्षण करने के पश्चात अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकार का अपराध समाज के नैतिक ताने-बाने को कमजोर करता है, विशेषकर जब पीड़िता नाबालिग हो। इसी आधार पर आरोपी को 7 वर्ष की कठोर सजा और आर्थिक दंड से दंडित किया गया।

यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने का प्रयास है, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी है कि ऐसे अपराध किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हैं और दोषियों को कठोर दंड भुगतना ही होगा।

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