- जिले के कई जगहों से मिली थी शौचालय निर्माण में लीपापोती की शिकायतें।
- सोनभद्र जिलाधिकारी ने निकाली इस समस्या से निजात पाने की तरकीब। दिए दिशानिर्देश।
सोनभद्र- सोनप्रभात
वेदव्यास सिंह मौर्य की रिपोर्ट-
सोनभद्र जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने आए दिन शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत आने पर ऐसी तरकीब निकाली है, कि सुनकर गड़बड़ी करनें वाले ग्राम प्रधानों व सचिवों के पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी।
बतादें कि नगवां विकास खण्ड के ग्राम पंचायत पनिकप खुर्द मे शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत जिलाधिकारी महोदय से की गई थी। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को जांंच हेतु जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया था।
जांंच करनें आए जिला कोआर्डिनेटर सत्यप्रकाश दिक्षित, अमित कुमार त्रिपाठी, ब्लॉक प्रेरक रितेश पाण्डेय, सहायक विकास अधिकारी कृपा शंकर शुक्ल के साथ लगभग दो दर्जन सफाई कर्मी 19 मई को जांंच करनें पनिकप खुर्द मे आए।सफाई कर्मी तो गांव में जांच करनें लगे लेकिन कोआर्डिनेटर सहायक विकास अधिकारी प्रधान के घर पर बैठकर प्रधान के अनुसार रिपोर्ट बना कर चले गए।शाम को पुनः जिलाधिकारी से शिकायत की गई तो 20 मई को वहीं टीम गांव में आई।और प्रधान के घर देर रात तक दावत का दौर चलता रहा।
यहीं खबर सोनप्रभात में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी।
जिसके सापेक्ष में जिलाधिकारी के द्वारा ठोस कार्रवाई के लिए चार तरह के कोड व कलर निर्धारित किया गया है।जिलाधिकारी के द्वारा जिला पंचायत राज अधिकारी आर.के.भारती को तत्काल सभी एडीओ पंचायत को कोड व कलर के साथ नम्बरिंग करानें का आदेश भी जारी कर दिया गया है।शौचालय निर्माण का कार्य वर्ष 2013/14 से शुरू हुआ है।
स्वच्छता मिशन के तहत सोनभद्र मे कुल 195238 शौचालयों का निर्माण हुआ है। एल.ओ.बी प्रथम मे 65442 शौचालय का निर्माण, एल.ओ.बी.द्वितीय मे 16540 शौचालय निर्माण तथा एन.एल.ओ.बी.मे 19203 शौचालय निर्माण कराया गया था।
जिसके कोडिंग मे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई।एक ही शौचालय को पेंट करके दुसरे का नाम लिखकर फोटोशूट कर फिडिंग करनें की अधिकांश शिकायत थी।
- अब स्वच्छ भारत मिशन का कोड “S/क्रमांक काला पेंट से लिखा जाएगा।
- एल.ओ.बी.प्रथम का “L 1/क्रमांक नीला पेंट से लिखा जाएगा।
- एल.ओ.बी.द्वितीय का “L 2/क्रमांक लाल रंग से लिखा जाएगा।
- एन, एल, ओ, बी, का N L/क्रमांक हरा पेंट से लिखा जाएगा। यह कार्य चतरा विकास खण्ड के साली गांव से शुरू भी कर दिया गया है।
नम्बरिंग का मतलब यह है, कि लोगों को पता चल जाएगा कि किस मद से शौचालय का निर्माण हुआ है। 2013/14 के शौचालय जो पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा बनाया गया है, उसे भी 2017/18दिखाया गया है। अब जो कोचिंग होगी उसकी निगरानी भी की जाएगी। कितने शौचालय बने हैं कितने बाकी हैं विकिरित सत्यापन भी किया जाएगा। शौचालय कम होने पर सम्बधितों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। एवं गमन की गई राशि की वसूली भी होगी।
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