November 23, 2024 3:00 AM

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आजादी के बाद भारत की पहली महिला को होगी फांसी, अपने ही परिवार के 7 लोगों की थी निर्मम हत्या।

  • शबनम (दोषी) ने प्रेमी(सलीम) संग मिल कर अपने ही परिवार के 7 लोगों की 14/15 अप्रैल 2008 में की थी हत्या।
  • 12 साल का है बेटा, उस्मान नाम के पालक द्वारा पालन पोषण किया जा रहा।
  • राष्ट्रपति ने की याचिका खारिज, डेथ वारंट अभी नही हुआ जारी, मथुरा जेल में होगी फांसी,पवन जल्लाद देंगे फांसी, बक्सर से बनी है फांसी की रस्सी।

सोनप्रभात – (साभार – ANI)
आलेख – आशीष कुमार गुप्ता ‘अर्ष’

(Shabnam Case Update) उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने वाली शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है, राष्ट्रपति ने उसके याचिका को खारिज भी कर दिया है।बीते रविवार 21 फरवरी को शबनम ने रामपुर जेल में अपने बेटे से मुलाकात की।

दोषी -: शबनम और सलीम

अपने बेटे को देखकर शबनम ने उसे गले लगा लिया और फूट-फूटकर रोई। उसने अपने बेटे को मन लगाकर पढ़ाई करने की नसीहत दी। लगभग एक घंटे के बाद शबनम का बेटा जेल से बाहर आया तो उसकी आंखों में आंसू थे। वह अपनी माँ के साथ हुई मुलाकात करने के बाद कुछ बताना नहीं चाह रहा था।

आपको बता दें कि रविवार को शबनम जेल में अपने बेटे को गले लगाकर फूट-फूटकर रोई। उसने अपने बेटे से कहा है कि तुम मेरी चिंता मत करना, अच्छे से खाना, मन लगाकर पढ़ना है और बड़े होकर अच्छा इंसान बनना। मेरी किस्मत में जो लिखा होगा वह होगा। तुम मेरी परछाई से दूर रहना। उसने अपने बेटे का लालन-पालन करने वाले भी कहा कि इसको मेरी पहचान से दूर रखो, इसके साथ मेरा नाम ना जुड़े तो ही अच्छा है। मां-बेटे के बीच यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली।

उस्मान – पालक

शबनम पहले मुरादाबाद के जेल में थी, जहां उसके बेटे का जन्म हुआ था। शबनम का बेटा छह साल की उम्र तक अपनी मां के साथ जेल में रहा है। इसके बाद बुलंदशहर के रहने वाले एक व्यक्ति ने उसके लालन-पालन का जिम्मा उठाया है। लगभग छह साल से शबनम का बेटा उस व्यक्ति के पास रह रहा है। शबनम को जुलाई 2019 में मुरादाबाद से रामपुर की जेल में भेज दिया गया है। शबनम का बेटा अपनी मां से मुलाकात करने रामपुर आता रहता है।

  • – शबनम ने कहा मैंने गुनाह नहीं किया।

शबनम के बेटे की परवरिश कर रहे उस्मान ने कहा कि आज मैंने पहली बार शबनम से पूछा कि तुम्हें जिस गुनाह की सजा मिलने वाली है, क्या वह गुनाह तुमने किया था? उन्होंने बताया कि शबनम ने उसने कहा कि मैंने ऐसा गुनाह नहीं किया है, यहां मुझे फंसाया गया है। उसने सीबीआई जांच की मांग की है।
उस्मान ने कहा कि कोर्ट में भी वह पहले भी सीबीआई जांच की मांग करती रही है, लेकिन उसकी बात शायद सुनी ही नहीं गई। उस्मान ने कहा कि क्या सच है क्या नहीं, यह मैं तो नहीं बता सकता। अब शबनम को मीडिया से बात करने की इजाजत दी जाए। इस मामले की सही से जांच कराई जाए।

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