January 21, 2025 8:59 AM

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आज की पाजिटिव न्यूज़-: जेल में रहते हुए 8 साल में 31 डिग्रियां लीं, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज, मिली सरकारी नौकरी भी।

लेख – एस0के0गुप्त”प्रखर”- सोनप्रभात

किसी व्यक्ति को जेल जाने के बाद ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि कैद में वहां रहकर अपना तकदीर बनाने में लग जाए, लेकिन अहमदाबाद के भानूभाई पटेल ने जेल में रहकर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं की, बल्कि सजा के दौरान 8 सालो में 31 डिग्रियां लीं औऱ सरकारी नौकरी का भीऑफर मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में उन्होंने और 23 डिग्रियां औऱ ले लीं।
वे अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिवर्सल रिकार्ड फोरम और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया तक में दर्ज करा चुके हैं।

भानूभाई पटेल मूल भावनगर की महुवा तहसील के रहने वाले हैं। अहमदाबाद के बी.जे.मेडिकल कॉलेज से एम.बी.बी.एस. की डिग्री लेने के बाद 1992 में मेडिकल की डिग्री लेने के लिए अमेरिका गए थे। यहीं, उनका एक दोस्त स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में जॉब करते हुए अपनी तनख्वाह भानूभाई के अकाउंट में ट्रांसफर करता था। इसके चलते उन पर फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन एक्ट (FERA) कानून के उल्लंघन का आरोप लगा और इस तरह 50 साल की उम्र में उन्हें 10 साल की सजा हुई और अहमदाबाद की जेल भेज दिया गया।

भानूभाई ने कह कि जेल से रिहा होने के बाद मुझे अंबेडकर यूनिवर्सिटी से जॉब ऑफर हुई। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि जेल जाने वाले व्यक्ति को कभी सरकारी नौकरी नहीं मिलती, लेकिन मेरी डिग्रियों के चलते सरकारी जॉब का ऑफर मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में मैंने और 23 डिग्रियां लीं। इस तरह अब तक 54 डिग्रियां ले चुका हूं, और इस विषय पर मैंने हिंदी,गुजराती और अंग्रेजी भाषा में तीन किताबें भी लिखे हैं।

भानूभाई कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के समय में अपने जेल के अनुभव और विश्व स्तरीय रिकॉर्ड तक के सफर पर गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तीन किताबें भी लिखीं। गुजराती किताब का नाम ‘जेलना सलिया पाछळ की सिद्धि’, अंग्रेजी में ‘BEHIND BARS AND BEYOND’ है। इतना ही नहीं, भानूभाई 13वीं विधानसभा चुनावों में प्रिसाइडिंग ऑफिसर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इस समय उनकी उम्र 65 साल है और वे अविवाहित हैं।

कैदियों की पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी सहित कई सुविधाएंजेलों में कैदियों को मिली है। पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी के साथ कई अभ्यास क्रम भी चल रहे हैं। जिसके चलते, कैदी आगे की पढ़ाई भी कर रहे हैं। हर साल नियमित रूप से इनकी परीक्षाएं भी आयोजित होती हैं और कैदी इसमें शामिल होते हैं। इससे उनके व्यवहार में और जिंदगी काफी परिवर्तन देखने को मिलता है।

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