आर एस एस शताब्दी वर्ष पर देवी स्वरूपा सप्त शक्ति – कीर्ति,श्री, वाक् , स्मृति, मेधा ,घृति व क्षमा के संगम से सभ्यता संस्कृति का जनजागरण.

दुद्धी – सोनभद्र/  जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोनभद्र 

दुद्धी सोनभद्र आरएसएस शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर विद्या भारती सप्तशक्ति संगम का कार्यक्रम के तहत महावीर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर दुद्दी सोनभद्र के तत्वाधान में सप्त शक्ति संगम का आयोजन विद्यालय में सम्पन्न हुआ, मुख्य अतिथि सुषमा गौंड जिला पंचायत सदस्य सोनभद्र, मुख्य वक्ता डॉक्टर प्रियंका जायसवाल एवं डॉक्टर अंकिता चंद्रा भाऊ राव देवरस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुद्धी के प्रवक्ता रही। मंचस्थ अतिथियों ने उद्बोधन में कहा कि नारी सशक्तिकरण के द्वारा राष्ट्र गौरव की गाथा जिसमें भारतीय संस्कृति और सभ्यता का गौरवशाली इतिहास में महति भूमिका निभाने वाले वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई फुले, वीरांगना रानी दुर्गावती आदि के संघर्षों त्याग और समर्पण का आदर्श अपने जीवन में प्रस्तुत करने का नारी शक्तियों को आह्वान किया गया। सभाध्यक्ष इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष राखी जायसवाल रहीं।

अरुणा गुप्ता सर्वोदय विद्यालय के अध्यापिका कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रहीं । कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए नारियों की भूमिका,घर परिवार को जोड़ने एवं समाज को व्यवस्थित करने में अग्रणी रही है ।वर्तमान परिवेश में विविध प्रकार के चुनौतियों को सामना करते हुए भारतीय संस्कृति को स्थापित करना एवम पवित्र बनाए रखने में नारी की भूमिका सर्वोपरी रही है। इस मौके पर विद्या भारती के विद्यालय सरस्वती शिशु/ विद्या मंदिर के तरफ से सप्तशक्ति संगम समारोह का कार्य करके नारियों को स्वावलंबी एवं कर्तव्य निष्ठा बनाने का कार्य किया जा रहा है।इसका उद्देश्य ‘सात शक्तियों’ – पालनकर्ता, संस्कारदाता, रक्षक, शिक्षिका, सेविका, प्रकृति-संरक्षिका और राष्ट्र-शक्ति – के महत्व को जगाकर महिलाओं को जागरूक, संगठित और सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम में ‘कुटुंब प्रबोधन’, ‘पर्यावरण संरक्षण’ और ‘समाज में महिला का योगदान’ जैसे विषयों पर चर्चा होती है और महिलाएं समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लेती हैं।जिसका उद्देश्य: – महिलाओं को समाज के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जागरूक और सशक्त बनाना, ‘सात शक्तियों’ का विकास करना।
कार्यक्रम का मुख्य विषय कुटुंब प्रबोधन: परिवारों में संस्कारों और मूल्यों को मजबूत करना है।

पर्यावरण संरक्षण: प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के महत्व को समझना और उस पर संकल्प लेना।
समाज में महिला का योगदान: भारत के विकास में महिलाओं की अग्रणी भूमिका पर चर्चा करना आदि है। नारियों सशक्तिकरण के लिए डॉक्टर प्रियंका जायसवाल भाऊ राव देवरस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्रवक्ता द्वारा विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए बताया कि नारियों में सात शक्तियां विद्यमान है। नारियों की सप्त शक्ति कीर्ति, श्री, वाक्, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा हैं। ये शक्तियां महिलाओं को देवी स्वरूपा बनाती हैं और परिवार, समाज तथा राष्ट्र को सशक्त करने में भूमिका निभाती हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन मैं भारतीय महिलाओं को चर्चा करते हुए जिन्होंने अपने त्याग तपस्या से भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई । उनका वर्णन करते हुए आए हुए ढाई सौ माताएं /बहनों को प्रेरित करने का कार्य किया। तत्पश्चात दूसरी मुख्य वक्ता डॉ अंकिता चंद्रा वाणिज्य विभाग प्रवक्ता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने पर्यावरण एवं कुटुंब प्रबोधन विषय पर भारतीय अवधारणाएं को अभिव्यक्ति करते हुए गृह में होने वाली छोटी-छोटी असावधानियां से किस प्रकार परिवार बिखर जाता है उदाहरण के रूप में परिवार चलाने की नई सीख दी। पर्यावरण के बारे में अपनी व्याख्यान देते हुए स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष महत्व देने का कार्य की ।सभी आई हुई माताओं से वृक्षारोपण, संरक्षण एवं साफ सफाई पर विशेष बल देने के लिए आग्रह किया। भारतीय संस्कृति में भारतीय नारियों की उत्थान एवं उनकी कृतियां के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन की जिससे सभी महिलाएं सभी माताए बहन शांतिपूर्वक सुनी ।

बतौर मुख्य अतिथि सुषमा गौंड ने भी महिलाओं को किस प्रकार धैर्य के साथ रहकर समाज को संगठित करने का कार्य करना है उसकी रहस्य ,छोटी-छोटी आदतों एवं कर्तव्यों का बोध कराया। इस मौके पर विद्यालय की बहनों द्वारा ‘बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ’ पर मर्म स्पर्शी एकांकी प्रस्तुत हुआ। जो सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह एकांकी बेटियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भावपूर्ण ढंग से कार्य करने का पाठ पढाया। तत्पश्चात इनर व्हील क्लब के सदस्य राष्ट्र सेविका समिति के सदस्य एवं समाज में अपना अस्तित्व बनाए रखने वाली दुद्धी क्षेत्र के महिलाओं को मालार्पण कर सम्मानित भी किया गया। विद्यालय की अभिभाविका अन्नपूर्णा देवी एवं पूर्व छात्रा साक्षी अग्रहरि द्वारा अनुभव कथन भी बोला गया। कार्यक्रम का संचालन प्राथमिक विद्यालय कलकल्ली बहरा की प्रधानाध्यापिका वर्षा जायसवाल द्वारा किया गया । कार्यक्रम की समीक्षा अध्यापिका विभा चौरसिया द्वारा किया गया।नारियों के उत्थान के लिए उन्होंने सविस्तार वर्णन भी कीं। तत्पश्चात विद्यालय की अध्यापिका रेखा अग्रहरि द्वारा आए हुए समस्त माताएं बहनें, अतिथि महानुभव एवं मुख्य वक्ता,सभाध्यक्ष तथा कार्य में लगे हुए सभी लोगों को आभार ज्ञापन कीं। इस मौके पर दुद्धी नगर एवं आसपास क्षेत्र की सैकड़ो महिला उपस्थित हुई थी। श् आशा द्वारा नारी उत्थान के लिए कविता भी बोली गई ।इस मौके पर डॉक्टर मुस्कान कमल,ग्राम प्रधान पतरिहा किरण चौबे , अंजू सिंह, कौशल्या देवी,अनीता चन्द्रवंशी,अरुणा गुप्ता , मनोरमा जायसवाल ,आशा देवी , लता जायसवाल, कुसुम देवी, अन्नपूर्णा देवी ,रेखा देवी, अर्चना गुप्ता ,उमा गुप्ता, आयोजक विद्यालय के समस्त आचार्य/आचार्या एवं प्रबंध समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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