Sonbhadra News | Sonprabhat | जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी
सोनभद्र उत्तर प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम होने के कारण आदिवासी और जनजातीय समुदायों को रोजगार के अवसरों में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसी संदर्भ में नगर पंचायत दुद्धी के चेयरमैन कमलेश मोहन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश वन निगम को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
मजदूरी दरों में भारी असमानता
चेयरमैन ने पत्र के माध्यम से बताया कि उत्तर प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण की मजदूरी मात्र ₹181.60 प्रति सैकड़ा गड्डी निर्धारित की गई है, जबकि मध्य प्रदेश में यह ₹400 और छत्तीसगढ़ में ₹550 प्रति सैकड़ा गड्डी है। तीनों ही राज्यों में एक ही सरकार (भाजपा) होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में मजदूरी की इतनी बड़ी असमानता तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों को अन्य राज्यों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर कर रही है। इससे उत्तर प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण बाधित हो रहा है और राज्य सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है।

तेंदूपत्ता मजदूरी बढ़ाने की जरूरत
चेयरमैन कमलेश मोहन ने अपने पत्र में बताया कि वर्ष 2022 में मजदूरी ₹181.50 प्रति सैकड़ा गड्डी थी, जो दो वर्षों में नहीं बढ़ाई गई, जबकि अन्य राज्यों में मजदूरी में भारी इजाफा हुआ है। इससे उत्तर प्रदेश के आदिवासी मजदूरों का आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि उत्तर प्रदेश में भी अन्य राज्यों की तरह मजदूरी दरों में सुधार किया जाए ताकि मजदूरों को पलायन करने की आवश्यकता न पड़े।
वन निगम की खराब कार्यप्रणाली से तेंदूपत्ता उत्पादन में गिरावट
पत्र में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश वन निगम की खराब कार्यप्रणाली और कुप्रबंधन के कारण विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में तेंदूपत्ता का उत्पादन लगातार घट रहा है। वन प्रभागों द्वारा तेंदूपत्ता वृक्षों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रहे हैं। जबकि अन्य तेंदूपत्ता उत्पादक राज्यों में प्रत्येक संग्रहण वर्ष में वृक्षों का संवर्धन किया जाता है।

राजस्व हानि और रोजगार संकट
कम मजदूरी और वन निगम की निष्क्रियता के चलते उत्तर प्रदेश में तेंदूपत्ता तुड़ान का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मजदूरों के पलायन से प्रदेश सरकार को भारी राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। चेयरमैन ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार को अन्य राज्यों की तर्ज पर तेंदूपत्ता उत्पादन और विपणन की नीतियों में सुधार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री से कार्ययोजना सुधार की अपील
नगर पंचायत दुद्धी के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि मई-जून के दौरान होने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश वन निगम को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। तेंदूपत्ता से जुड़े मजदूरों की आजीविका सुरक्षित करने के लिए मजदूरी बढ़ाने, तेंदूपत्ता वृक्षों का समुचित संवर्धन करने और वन निगम की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की मांग की गई है।
अब देखना होगा कि सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और प्रदेश के तेंदूपत्ता मजदूरों के रोजगार और अधिकारों की रक्षा के लिए क्या ठोस नीति अपनाती है।

As the voice of Sonbhadra, Son Prabhat Live News focuses on local developments, highlighting the district’s rich culture, dynamic communities, and pressing issues. Our dedicated team of reporters and editors brings exclusive reports, insightful analyses, and unbiased perspectives to empower readers with the knowledge they need.

