June 24, 2025 10:22 PM

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एक सप्ताह से अंधेरे में जीवनयापन करने को मजबूर पडरी के ग्रामीण, विद्युतकर्मी फोन तक नहीं उठाते

संवाददाता – बाबू लाल शर्मा, म्योरपुर/सोनभद्र

म्योरपुर विकासखंड क्षेत्र के पडरी गांव के कमरी डाड़, बराई डाड़ और बोदरा डाड़ के ग्रामीणों का जीवन पिछले एक सप्ताह से अंधेरे में डूबा हुआ है। उमस भरी गर्मी और बरसाती मौसम में बिजली गुल होने से ग्रामीणों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जब ग्रामीण अपनी समस्या बताने या सूचना देने के लिए विद्युतकर्मियों को फोन करते हैं तो वे फोन तक रिसीव करने से कतराते हैं।

गांव के निवासी राम किशुन, महेश, रमाशंकर, केवल, रामलाल और बलिराम का कहना है कि उनका गांव रिहंद जलाशय के निकट है, जहां मगरमच्छ, सांप, बिच्छू और जंगली जानवरों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। ऊपर से बिजली गुल होने से रात का अंधेरा खतरे को और भी भयावह कर देता है। इसके अलावा उमस और गर्मी के चलते मच्छरों का आतंक भी ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब कभी छोटा फाल्ट आता है तो लाइनमैन रुपये वसूलने तो दौड़े चले आते हैं, मगर जब बिजली गुल होने की सूचना दी जाए तो फोन तक उठाने की जहमत नहीं करते। एक सप्ताह से बिजली बाधित है, और ग्रामीणों का कहना है कि इससे अच्छा तो वह पुराना जमाना ही था जब मिट्टी का तेल राशन की दुकानों से मिला करता था और कम से कम रात में प्रकाश तो किया जा सकता था।

गांव वालों का कहना है कि अगर प्रशासन और विभाग उनकी समस्या का समाधान नहीं कर सकते तो पुराने समय की तरह मिट्टी का तेल ही आपूर्ति करवा दी जाए ताकि वे कम से कम रात्रि में प्रकाश तो कर सके और विद्युतकर्मियों के रहम-ओ-करम और मनमाने बिलों से मुक्ति पा सके।

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और बिजली विभाग ग्रामीणों की फरियाद सुनेगा या यह सिलसिला इसी तरह चलता रहेगा? ग्रामीण अपनी मूलभूत सुविधाओं और जानमाल की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं, और विभाग से त्वरित समाधान की मांग कर रहे हैं।

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