छठ पूजा विशेष (पंक्तियां) – सोन प्रभात
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर…..
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
जीवनदाता तव कीर्ति अमर।छठ का होता उत्सव विराट।
सज जाते हैं बाजार हाट।
तेरी किरणों की आहट सुन।
ऊषा आए करती रुनझुन।
चल पड़े सृष्टि ज्यों यायावर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
हो तीन दिवस उपवास कठिन।
पहला नहाये खाये का दिन।
व्रत रखतीं सारा दिन भक्तिन।
कुछ भी खातीं ना पूजा बिन।
लौकी चावल प्रसाद सुन्दर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
अगले दिन होता है खरना।
व्रत निराजली होता करना।
मृदु खीर बने जब शाम ढले।
गुड़ चावल नवल प्रसाद मिले।
आदान प्रदान करें घर घर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
फिर आता मुख्य छठी का व्रत।
नर नारी जिसमे होते रत।
आती जब सूर्यास्त बेला।
लगता जलाशयों पर मेला।
देते हैं तुम्हें अर्घ्य सत्वर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
दउरा में सब सामग्री भर।
गृह पुरुष लिए कंधे ऊपर।
जाते पूजा स्थल पावन।
गीतिका गूंजती मनभावन।
परिवेश दिखे अद्भुत मनहर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।नव कंद मूल फल नई फसल।
धरती माता से प्राप्त नवल।
सब करते पूजा में अर्पण।
नूतन परिधान किए धारण।
जाते हैं सबके भाग्य संवर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।आस्था अपार लिए मन में।
पूजित तुम प्रात आगमन में।
दे अर्घ्य तुम्हारी पूजा कर।
श्रद्धालु लौट जाते निज घर।
होते प्रसन्न ठोकवा खाकर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
भक्तों की उत्तम फलदाता।
प्रति वर्ष पधारो छठ माता।
हो निशा तिमिर घनघोर गमन।
खुशहाल बने सबका जीवन।
शत शत प्रणाम तुमको दिनकर।
ओ छठ पूजा के सूर्य प्रखर।
– बुद्ध देव तिवारी 🙏वाराणसी
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.