कला व साहित्य मंच – सोनप्रभात
कविता – मेरी सोन चिरैया
घर-आंगन की मेरी सोन चिरैया
कितनी चहका करती थी,
अपनी चुलबुल चहकन से
सबको चहकाया करती थी ।
उसके दो प्यारे बच्चे
संग चिड़वे के रहती थी,
हंसी-खुशी,आनंद प्यार से
जीवन अपना जीती थी।
एक जोर का तूफां आया
सोन चिरैया का मन घबराया,
उसको जब होश था आया
चिड़ा दूर कहीं चला गया।
शोकाकुल प्यारी सोन चिरैया
अब खोई-खोई सी रहती है,
न वो चहकती न कुछ सुनती
बस गुमसुम सी रहती है।
बोलो बोलो सोन चिरैया
घर-आंगन पड़ा सूना है,
सब त्योहार मनाए जाते
लगे न तुम बिन सलोना है।
आ जाओ अब सोन चिरैया
अपनी दुनिया में आ जाओ,
अपनी मधुर चहकन से
घर-आंगन को भर जाओ।
—चंदा गुप्ता
– Dr. Chanda Gupta
Residence – Navi Mumbai Nerul
Presently live in Mauritius
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.