सोन कला व साहित्य – कविता By- अनिल कुमार गुप्ता
हां, हम मिडिल क्लास वाले हैं।
ना हम अमीर होते हैं ना ही गरीब होते हैं,
पर हम दोनों के ही बेहद करीब होते हैं,
जरूरतें तो पूरी हो ही जाती है हमारी,
लेकिन सपने हमारे बदनसीब होते हैं,
फिर भी हम खुद को संभाले हैं,
हां,हम मिडिल क्लास वाले हैं।।पापा जब बाजार जाते हैं,
दो साइज बड़े कपड़े ले आते हैं,
उस कपड़े को कुछ दिन बाद,
छोटे वाले को भी पहनाते हैं,
सारी परेशानियां हम हंस हंस कर टाले हैं,
हां,हम मिडिल क्लास वाले हैं।।“वर्तमान सरकार से कोई गिला नहीं होता,
क्योंकि पिछले वाले से कुछ मिला नहीं होता “
अगर हो जाती पूरी ख्वाहिश हमारी तो,
पैसो के पीछे भागने का ये सिलसिला नहीं होता,
फिर भी हम कितने दिलवाले हैं,
हां, हम मिडिल क्लास वाले हैं।।हमारे लोन की किस्तों में ब्याज की भारी लूट होती है,
अमीरों के लिए इसमें बहुत भारी भारी छूट होती है,
लोन चुकाते हैं हम और अमीर होते फरार,
फिर भी ये दोगली सरकार म्यूट होती है,
खुद को बताते चौकीदार और हमारे रखवाले हैं,
हां हम मिडिल क्लास वाले हैं।।हमारा कमाना इनको पसंद नहीं होता,
गरीब कोई यहां पर स्वच्छंद नहीं होता,
अमीर टैक्स ना दे तो चल जाती है ये सिस्टम,
मगर गरीब के टैक्स फ्री होना रजामंद नहीं होता,
कितनी गिरी हुई सरकार की ये चाले हैं,
हां हम मिडिल क्लास वाले हैं।।– अनिल कुमार गुप्ता – सोनप्रभात
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.