- कादरी ने धमकी दी है कि टीवी चैनल वाले मौलाना साद का नाम इज्जत से लो और मुस्लिमों के खिलाफ साजिश करना बंद कर दें। कादरी ने कहा– कि अगर न्यूज चलाना है तो रिपोर्टर अपनी हद्द में रहें।
- एनबीए ने अपने बयान में कहा है – ʺलॉकडाउन के बावजूद और कोरोना वायरस के खतरों के बीच इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने देश में काफी सधी हुई और सटीक रिपोर्टिंग की है। कोरोना वायरस की महामारी पर टीवी पर चलाए गए डिबेट में समाज के हर वर्ग को उचित महत्व दिया गया है। एनबीए ने धार्मिक कट्टरपंथियों से अपील की है कि वे न्यूज चैनल के खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों को बंद करें. इस तरह के काम संविधान की उस भावना का उल्लंघन है, जिसमें मीडिया को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का मूलभूत अधिकार मिला है। न्यूज चैनल की पहुंच समाज के हर वर्ग तक है, यहां तक कि उन धार्मिक कट्टरपंथियों तक भी जो मीडिया को निशाना बनाते हैं।ʺ
सोनप्रभात – सम्पादकीय ; सुरेश गुप्त की कलम से–
ʺजमातियों को शायद यह नहीं मालूम मीडिया कर्मी राष्ट्र का आईना होता है, मौका पड़ने पर सीमाओं पर भी जाकर युद्ध को कैमरे में कैद करने का जज्बा रखता है।यही मीडिया कर्मी थे जिन्होंने संसद हमले का सजीव प्रसारण किया मुम्बई हमले में आतंक वादियों के गोला बारी के बावजूद अपनी सक्रिय जिम्मेदारी का निर्वहण किया।ʺ
आज भी इस वैश्विक कोरोना संक्रमण की जंग एक सैनिक के रूप में अपने कलम और कैमरे से लड़ रहा है। मीडिया यदि समाज मे व्याप्त बिसंगतियों को उजागर करने का कार्य करता है वही चौथे स्तम्भ के रूप में देश को सशक्त बनाने मे भागीदारी का निर्वाहन करता है। अनेक कलम कारों तथा पत्रकारों ने निर्भय होकर कर्तव्य का पालन हेतु अपने प्राणों की आहुति दी है। धमकी देने वालों को ज्ञात होना चाहिए बन्दूक और गोली से भी बड़ा अस्त्र है कलम, कलम कार न डरा है न डराया जा सकता है।
– सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”
(सोनप्रभात सम्पादक मण्डल सदस्य)
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.