January 21, 2025 7:01 AM

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चिड़िया घर गर देखना आ जाओ भोपाल ।

 

माननीय अब हो गए,
जैसे बकरी भेड़!
चरने निकले है सभी,
खेत छोड़ अब मेड़!!

नाथ कमल दूजा कमल
करने सबका मोल!!
दोनों खड़े बजार में
लगा रहे अब बोल!!

मिमियाता कोई यहा,
कोई रहा चिंघाड़!
भेड़ सभी अब दिख रहे,
गायब सिंह दहाड़!!

चिड़िया घर गर देखना ,
आ जाओ भोपाल!
भागे भागे फिर रहे,
शेर डाल उस डाल!!

– सुरेश गुप्त ‘ग्वालियरी’
विन्ध्य नगर, बैढन।

 

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