March 13, 2025 6:22 AM

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“जाति कभी नहीं जाती” जातिगत संगठन टूटे नहीं तो पुनः बटेगा भारत

-समाज को एक सूत्र में बांधेगा हिंदुत्व
आज के परिदृश्य में जातिगत समूह के प्रचलन ने देश को लकड़ी में लगे दीमक की तरह खोखला करने का मन बना लिया है।जगह जगह हिंसा,सामूहिक विरोध की भावना ने देश के उस अखंडता,एकता को हानि पहुँचाई है जिसका स्वप्न हमारे शूरवीर पूर्वजों द्वारा देखा गया था।छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस सशक्त हिंदू राष्ट्र की नींव रखी थी उसकी जड़ों को जाति की भावना ने कमज़ोर कर दिया है ।हमें आवश्यकता है कि इन सबसे ऊपर उठकर हिंदू राष्ट्र सशक्त राष्ट्र की संकल्पना की ओर अग्रसर हो“आत्मविश्वास शक्ति प्रदान करता है और शक्ति ज्ञान प्रदान करती है। ज्ञान स्थिरता प्रदान करता है और स्थिरता जीत की ओर ले जाती है।”
हिंदुत्व समाज कों संगठित कर एक सूत्र में बांधता है लेकिन आज समाज में जिस तरीके से जाति वैमनस्यता फैल रही है जातियों के सम्मेलन हो रहे हैं समाज को जातियों वर्गों में बांटा जा रहा है यह राष्ट्र को कमजोर करने की एक साजिश है यह साजिश अपने लाभ के लिए समाज के ऐसे अपराधियों के द्वारा किया जा रहा है जिनको स्वहित से मतलब है ऐसे स्वहित वाले लोगों को पहचानना होगा और वर्गों में बैठे लोगों को एक हिंदुत्व ही है जिस माध्यम से हम जोड़ सकते हैं अगर हम जुड़े नहीं तो पुनः बटेंगे इस बात को समाज के ऐसे लोगों को समझना होगा जो राष्ट्र के निर्माण की गति में लगे हुए हैं। समाज को जोड़ने के लिए हिंदू स्वराज की स्थापना के लिए सर्वप्रथम शिवाजी महाराज ने ताकत दिखाई और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को जीवित किया
छत्रपति शिवाजी के शासनकाल में सुशासन, धार्मिक सौहार्द एवं सामाजिक न्याय अपने चरम पर था। विस्तारवादी मुगलों पर शिवाजी ने अपने साहस और चातुर्य से नकेल कसी।
उन्होंने अपने कौशल से एक ऐसे हिन्दु साम्राज्य की आधारशिला रखी जिसका प्रभाव भारतवर्ष के कोने कोने में पहुंचा। छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर यह संकल्प लेने की जरूरत है कि समाज के हर व्यक्ति को चाहे वह किसी जाति धर्म का हो उसके साथ सामाजिक सद्भाव कायम करना होगा तभी राष्ट्र सशक्त होगा और राष्ट्र के निर्माण की गति तेज होगी।

डॉ धर्मवीर तिवारी शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर विशेष


समाज को एक सूत्र में बांधेगा हिंदुत्व
आज के परिदृश्य में जातिगत समूह के प्रचलन ने देश को लकड़ी में लगे दीमक की तरह खोखला करने का मन बना लिया है।जगह जगह हिंसा,सामूहिक विरोध की भावना ने देश के उस अखंडता,एकता को हानि पहुँचाई है जिसका स्वप्न हमारे शूरवीर पूर्वजों द्वारा देखा गया था।छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस सशक्त हिंदू राष्ट्र की नींव रखी थी उसकी जड़ों को जाति की भावना ने कमज़ोर कर दिया है ।हमें आवश्यकता है कि इन सबसे ऊपर उठकर हिंदू राष्ट्र सशक्त राष्ट्र की संकल्पना की ओर अग्रसर हो“आत्मविश्वास शक्ति प्रदान करता है और शक्ति ज्ञान प्रदान करती है। ज्ञान स्थिरता प्रदान करता है और स्थिरता जीत की ओर ले जाती है।”
हिंदुत्व समाज कों संगठित कर एक सूत्र में बांधता है लेकिन आज समाज में जिस तरीके से जाति वैमनस्यता फैल रही है जातियों के सम्मेलन हो रहे हैं समाज को जातियों वर्गों में बांटा जा रहा है यह राष्ट्र को कमजोर करने की एक साजिश है यह साजिश अपने लाभ के लिए समाज के ऐसे अपराधियों के द्वारा किया जा रहा है जिनको स्वहित से मतलब है ऐसे स्वहित वाले लोगों को पहचानना होगा और वर्गों में बैठे लोगों को एक हिंदुत्व ही है जिस माध्यम से हम जोड़ सकते हैं अगर हम जुड़े नहीं तो पुनः बटेंगे इस बात को समाज के ऐसे लोगों को समझना होगा जो राष्ट्र के निर्माण की गति में लगे हुए हैं। समाज को जोड़ने के लिए हिंदू स्वराज की स्थापना के लिए सर्वप्रथम शिवाजी महाराज ने ताकत दिखाई और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को जीवित किया
छत्रपति शिवाजी के शासनकाल में सुशासन, धार्मिक सौहार्द एवं सामाजिक न्याय अपने चरम पर था। विस्तारवादी मुगलों पर शिवाजी ने अपने साहस और चातुर्य से नकेल कसी।
उन्होंने अपने कौशल से एक ऐसे हिन्दु साम्राज्य की आधारशिला रखी जिसका प्रभाव भारतवर्ष के कोने कोने में पहुंचा। छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर यह संकल्प लेने की जरूरत है कि समाज के हर व्यक्ति को चाहे वह किसी जाति धर्म का हो उसके साथ सामाजिक सद्भाव कायम करना होगा तभी राष्ट्र सशक्त होगा और राष्ट्र के निर्माण की गति तेज होगी।

डॉ धर्मवीर तिवारी शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर विशेष

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