डाला ओबरा संपर्क मार्ग की दुर्दशा पर भड़का जनाक्रोश, पदयात्रा से पहले पहुंचे एसडीएम — जल्द समाधान का दिया आश्वासन

डाला (सोनभद्र) रिपोर्ट — Anil Agrahari / सोन प्रभात


डाला (सोनभद्र)। वर्षों से खस्ताहाल डाला-ओबरा संपर्क मार्ग की समस्या को लेकर शनिवार को डाला क्षेत्र के सैकड़ों नाराज नागरिकों ने महा पदयात्रा निकालने की तैयारी कर ली थी। किंतु जैसे ही लोग सड़कों पर उतरने को हुए, डाला चौकी प्रभारी आशीष पटेल मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर पदयात्रा रोक दी। इसके उपरांत नागरिकों की बात एसडीएम ओबरा विवेक कुमार सिंह से कराई गई, जिन्होंने तुरंत सेक्टर बी चौराहे पर पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनीं।

एसडीएम ने मौके पर उपस्थित नागरिकों को आश्वासन दिया कि इस मार्ग की मरम्मत के लिए जल्द प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि जब तक सड़क का निर्माण कार्य आरंभ नहीं होता, तब तक डाला नगर पंचायत द्वारा प्रतिदिन सुबह, दोपहर और शाम में पानी का छिड़काव कराया जाएगा, ताकि धूल उड़ने से लोगों को कुछ राहत मिल सके।

 पुल की दरार बना परेशानी का सबब

स्थानीय लोगों ने बताया कि वैष्णो मंदिर के पास चोपन-गढ़वा और चोपन-सिंगरौली मार्ग पर बने पुल संख्या 382 आरओबी में दरार आने के बाद 19 जून 2023 को पुल पर तीन मीटर का हाइट गेज लगाकर भारी वाहनों के लिए मार्ग परिवर्तित कर दिया गया था। तब से ही भारी वाहनों का सारा दबाव डाला लालबत्ती से गजराज नगर मार्ग पर आ गया, जिससे सड़क पूरी तरह टूट चुकी है।

ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार शिकायत और अखबारों में खबरें छपने के बाद प्रशासन ने लालबत्ती से ओबरा गजराज नगर तक सड़क की मरम्मत के लिए लगभग 4.18 करोड़ रुपये की डीएमएफ फंड से स्वीकृति दी थी, लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं हो सका है। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस स्वीकृति को “ठंडे बस्ते” में डाल दिया है।

सीमेंट फैक्ट्री से फैल रही दुर्गंध, सांस लेना हुआ मुश्किल

सड़क की दुर्दशा के साथ ही नगरवासियों ने सीमेंट फैक्ट्रियों में जलाए जा रहे कचरे से उठने वाली दुर्गंध की भी गंभीर शिकायत की। उनका कहना है कि फैक्ट्री के आसपास ही नहीं, बल्कि डाला के चारों दिशाओं में बदबू फैल रही है, जिससे लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। वायु प्रदूषण और दुर्गंध से क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं।

जनता की आवाज़ — “डाला-ओबरा मार्ग है जीवन रेखा”

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से कहा कि यह मार्ग डाला-ओबरा की लाइफ लाइन है, जिससे हर दिन हजारों लोग आवागमन करते हैं। ऐसे में सड़क का बदहाल होना आम जनजीवन पर सीधा असर डाल रहा है। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे फिर से सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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