August 7, 2025 11:32 PM

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दक्षिणांचल में कृषि में ज्ञान की खाई को पाटने की जरूरत,दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन.

  • बनवासी सेवा आश्रम में चार ब्लॉक के सौ जागरूक किसान कर रहे है प्रतिभाग.

रिपोर्ट – बाबू लाल शर्मा (म्योरपुर/सोनभद्र)।

म्योरपुर ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महाकक्ष में भारतीय सब्जी अनुसंधान वाराणसी द्वारा गुरुवार को जन जातीय उप योजना के तहद सब्जियों में एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन पर दो दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया।जिसमे म्योरपुर,बभनी,दुद्धी,चोपन कोन ब्लॉक के सौ जागरूक किसान प्रतिभाग कर सब्जी की खेती के वैज्ञानिक तौर तरीकों का प्रशिक्षण ले रहे है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डा पी सुदर्शन ने किसानों को कीटो से सब्जियों बचाने और ज्यादा से ज्यादा उत्पादन की जानकारी दी और कहा कि टमाटर,लौकी, परवल,खेखसा, कुंदरु की खेती कर आप सफल उत्पादक और निर्यातक बन सकते है।इससे आप की आय भी बढ़ेगी और आप खेती तथा सब्जी के माध्यम से स्वावलंबी बन सकते है।इसके लिए जरूरी है कि आप सब सब्जी उत्पादन के गुण दोष में वैज्ञानिक तरीके अपनाए । उन्होंने ने कहा कि दक्षिणांचल के किसानों को कृषि में ज्ञान को जोड़ने की जरूरत है।कीट नियंत्रण विशेषज्ञ डा केशव गौतम ने कहा कि जागरूकता के साथ बीजों का सही चयन ,कीटो को रोकने का सही दवा, के साथ उत्पादन बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकी और उसके लाभ की चर्चा करते हुए जानकारी दी। उन्होंने सिंचाई में कम पानी के उपयोग, स्पिंगल विधि, ट्रिप विधि सिंचाई की जानकारी दी और बताया कि कम जमीन पर भी सब्जी उत्पादन किया जा सकता है।ऐसे प्रयोग सफल हुए है।

आश्रम की मंत्री शुभा प्रेम ने आगंतुक किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि आयोजन से किसानों को सब्जी उत्पादन में मदद मिलेगी और ज्ञान बढ़ेगा।संचालन देवनाथ सिंह ने किया।मौके पर राम सुंदर,विमल सिंह, केवला दुबे,सुरेश कुमार, उमेश चौबे, अशोक सिंह,मीना, कैलाश, रघुनाथ, शिव नारायण,शेर सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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