- राज्य सभा सांसद राम सकल, पंडित दीनदयाल विचार मंच अध्यक्ष डॉक्टर लवकुश प्रजापति नें भी काव्य -पाठ किया।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
दुद्धी सोनभद्र। नगर पंचायत अन्तर्गत ग्रीन स्टार होटल परिसर में सोमवार सायं से देर रात्रि तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के पावन अवसर पर काव्य गोष्ठी (कवि सम्मेलन ) का शानदार आयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के तत्वाधान में हुआ ।
कवि सम्मेलन का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड एवं समारोह अध्यक्ष राज्यसभा सांसद राम सकल, विशिष्ट अतिथि राम दुलारे गौंड,व जिला सहकारी बैंक मिर्जापुर / सोनभद्र अध्यक्ष डॉक्टर जगदीश सिंह पटेल आदि प्रबुद्धजनों द्वारा मां सरस्वती तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन करने के पश्चात कार्यक्रम का आगाज हुआ। कवि सम्मेलन का शुरुआत सनातन परंपरा अनुसार कवित्री वाराणसी से पधारी विभा शुक्ला ने मां सरस्वती की वंदना ” अधिकार छीन के मुझे राधा से दूर न कीजिए ” की प्रस्तुति से कार्यक्रम का श्री गणेश हुआ। यथार्थ विष्णु ने अपने कविता में सोनभद्र का जिक्र करते हुए ” एल्मुनियम, कोयला,बिजली,गिट्टी से हम आते हैं,पर्वत,जंगल, घाटी, झोपड़पट्टी से हम आते हैं, जहां रेणुका,सोन की बाहों में आलिंगन करती हैं इस सोनभद्र की सौंन्धी- सौंन्धी मिट्टी से हम आते हैं। “
मनोज मधुर ने अपने कविता पाठ में ” छोटी अपेक्षा है सबका प्यार बनू मैं, उर बीच रहूं और पुष्प हार बनूं मैं। भाषा हो मेरी सरल मधुर भाव हो मन मैं , रस शिक्त सर्जना का गीतकार बनू मैं। “डॉक्टर राम लखन जंगली ने अपनी कविता में ” देश सनातन मूल्य को जब लेगा पहचान, भारत तब हो जाएगा जग में श्रेष्ठ महान। “
काव्यपाठ संचालक कमलेश राजहंस ने अपने कविता पाठ में “खुशियां हो या गम क्या फर्क पड़ेगा, बेबस मजदूर के घर बढ़ेगा तो बढ़ेगा, सिर्फ उसका कर्ज बढ़ेगा। ” संदीप कुमार बालाजी ने अपने कविता से श्रोताओं को आनंदित किया अपने कविता पाठ में ” हवाएं तो निर्दोष हैं, विष घोलता कोई और है, कंधा किसी और का, बंदूक धर डोलता कोई और है, षड्यंत्र कारियो ने गुण को इतना आगे बढ़ा दिया की,जुवान किसी और की है बोलता कोई और है।” लल्लू तिवारी ने अपने कविता पाठ में श्रोताओं को पूरी तरह से झकझोर दिया उन्होंने अपने कविता पाठ में ” अश्क यूं ही नहीं बहा होगा, आपने कुछ ना कुछ कहा होगा, सीना धरती का यूं नहीं फटता हैं,सीता ने दुःख बहुत सहा होगा। ”
कमलनयन तिवारी ने अपने कविता पाठ में रोग का खुद करें हैं बंदोबस्त मेरा दिल, सुनता है धड़कनो की बाज गश्त मेरा मेरा दिल। ” सोनभद्र के माटी के कवि हसन सोनभद्री ने अपने कविता पाठ में “आओ अब गम ही बांट लेते हैं, इश्क में और कुछ बचा ही नहीं। ” डॉक्टर नंद जी नंदा ने अपने कविता पाठ में भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए कहा की अंदर बाट कमीशन खोरी, जय चोरी जय जय घूसखोरी।
“पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के अध्यक्ष डॉक्टर लवकुश प्रजापति ने काव्य पाठ में डोमकच, परंपरागत लोक गीत पढ़कर सुनाया साथ हीं आदिवासियों के भाषा शैली और नृत्य आदि के बारे में विस्तार से अपनी प्रस्तुति किया। कवि सम्मेलन का संचालन कवि कमलेश राजहंस ने पूरे जिम्मेदारी से भूमिका निभाई।इस मौके पर रामेश्वर प्रसाद राय,डॉक्टर विनय कुमार श्रीवास्तव, डॉ संजय कुमार गुप्त, कुलभूषण पांडेय,प्रभु सिंह कुशवाहा, भाजपा की नेत्री इशिका पांडेय ,विंध्यवासिनी प्रसाद, जगदीश्वर प्रसाद जायसवाल, भोला प्रसाद, डॉक्टर विनय कुमार,डॉक्टर कृष्ण कुमार चौरसिया,डॉ गौरव सिंह,रमीज आलम फौजदार सिंह परस्ते कर्मा शैला प्रशिक्षु अध्यापक राम सूरत नेटी व राम नारायण नेटी साथ हीं रामविचार सिंह गोंड व प्रकृति के उपासक आदिवासी धर्मगुरु सुखई पोया सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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