- अविश्वसनीय कारनामा विद्युत विभाग का – बीपीएल कार्डधारक को निशुल्क विद्युत संयोजन प्रदान कराए जाने के नाम पर भेजें 72 लाख 74 हजार 648 रु0(7274648 रु0) का बिजली बिल।
- -कुछ महीनों पहले आरंगपानी गांव के एक व्यक्ति के पास भी एक करोड़ तक का बिजली बिल आने की खबर मिली थी।
जितेंद्र चन्द्रवंशी – दुद्धी/ सोनभद्र – सोनप्रभात
दुद्धी ,सोनभद्र। विकासखंड दुद्धी के ग्राम पंचायत मल्देवा निवासी मनोज कुमार उम्र लगभग 40 वर्ष पुत्र मानिकचंद गृहस्थ जीवन में मजदूरी कर अपने पांच लड़कियों और एक लड़के के साथ किसी तरह जीवन यापन करता है। बीपीएल कार्ड धारक मनोज कुमार उत्तर प्रदेश सरकार का उपक्रम गरीबों को निशुल्क विद्युत संयोजन प्रदान कराए जाने के अंतर्गत दिनांक 23 जुलाई 2017 को कनेक्शन संख्या (C N)-7411/304271 द्वारा उपखंड अधिकारी /अवर अभियन्ता पिपरी /ओबरा /दुद्धी द्वारा जब नि:शुल्क विद्युत प्रदान कराया गया तो चेहरे पर भाग्योदय सा सौभाग्य मानकर अंधेरे से उजाले की ओर कदम बढ़ाया ही था कि गत दिनों जब विद्युत विभाग द्वारा अचानक (72 लाख 74 हजार 648रु0) 7274648 रुपए का जब बिजली बिल विद्युतकर्मी ने थमाया तो मानो जैसे पैरों तले जमीन ही खिसक गई हो।
बेचारे गुप्ता जी के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी किसी तरह गुजर बसर कर अपनी इज्जत जैसे तैसे मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास में लिखे कहानी जैसे फटे परदे के पीछे खानाबदोश कि जीवन जीने वाले अपनी गरीबी और फकीरी की जिंदगी जी ही रहा था और सोच रहा था कि कैसे बच्चों की परवरिश होगी ? कि बिजली विभाग के द्वारा 440 वोल्ट का करंट सा मानो बिल का झटका लग गया हो महसूस हुआ।
जानकारी मिलने पर सोन प्रभात संवादाता दुद्धी ने जब पड़ताल किया तो कभी बेबस लाचार गुप्ता जी को तो कभी नन्हे-मुन्ने मासूम लड़कियों को और अपने बेबसी और लाचारी पर आंसू बहा रहे अर्धांगिनी को देखकर मन मानो व्यथित सा हो गया। न मीटर की व्यवस्था ना पंखा कूलर , न ए सी और बिल होश उड़ाने वाले।
गैर जिम्मेदार विद्युत विभाग ने मानो अपने जिम्मेदारियों का मजाक बना कर रख दिया , कभी किसी ने इसकी सुध लेने का प्रयास नहीं किया कि कई कई माह से ट्रांसफार्मर जले पड़े रहे परंतु कोई कर्मी कभी उपभोक्ताओं के घरों पर अपने कर्तव्यों का बोध कर पड़ताल नहीं करता कि हमारा उपभोक्ता हम से संतुष्ट है या नहीं। कहीं कोई तकनीकी खामी तो नहीं है, बस उपभोक्ताओं को भ्रष्ट और जंग खा रही सिस्टम के भरोसे लावारिस छोड़ दिया जाता है।
वीडियो रिपोर्ट-
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निःशुल्क कनेक्शन धारी व्यक्ति का 3 वर्ष तक मीटर नहीं लगाई गई क्यों ? 3 वर्षों तक रीडिंग क्यों नहीं हुआ ?
– मनमाना बिल किस आधार पर भेजा गया इसकी पड़ताल हो। और बिल जारी करने वाले व्यक्ति की मानसिक हालत की पड़ताल पहले जिम्मेदार अधिकारी करें ? और निकम्मे कर्मचारी को समय से पूर्व रिटायरमेंट कर घर बैठाने का कार्य जनहित में करें। वर्ना गुप्ता जी तो मजदूर ठहरे वरना अच्छे अच्छों की बी पी , शुगर ऐसे हालात में बढ़ने से व किसी प्रकार की जनधन की हानि होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। उपभोक्ता के साथ न्याय हो, इसकी सोन प्रभात न्यूज़ मांग उत्तर प्रदेश सरकार से करता है ।
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