लेख:- एस.के.गुप्त “प्रखर” – सोन प्रभात
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा का दिन धार्मिक के साथ ही आध्यात्मिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। इस मौके पर देवी-देवताओं को खुश किया जाता है। इसीलिए इस दिन लोग पवित्र गंगा में डुबकी लगाते हैं और गरीबो असहायो लोगो को दान-दक्षिणा कर पुण्य कमाते हैं कार्तिक स्नान करने और भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का पूजन करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा की बहुत महिमा बताई गई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, स्वर्ग से धरती पर देवता आकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाते हैं। यह भी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य के मन की शुद्धि होती है।
इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आपको गंगा स्नान के लिए जाना संभव नहीं है तो घर पर ही पवित्र जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व होता है।अगर आप देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी पूजा नहीं कर पाएं हैं तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
चार माह की योग निद्रा के बाद कार्तिक माह में भगवान विष्णु जागते हैं और पूरी सृष्टि का कार्यभार फिर से ग्रहण करते हैं। इस महीने में मां लक्ष्मी का जन्म और पृथ्वी पर आगमन होता है। कार्तिक में दीपदान और पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है।
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इस कारण से भी कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
Disclaimer :– इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं सोन प्रभात न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.