विंध्य नगर – सिंगरौली / सुरेश गुप्त ग्वालियरी – सोन प्रभात
- अमृत विद्या पीठ विंध्य नगर सभागार बैढ़न में जुटे आंचलिक साहित्यकार।
बैढन सिंगरौली। मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन इकाई सिंगरौली द्वारा वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ कैलाश तिवारी (रीवा) के सम्मान में कवि गोष्ठी आयोजित की गई।
कवि गोष्ठी में रीवा से पधारे वरिष्ठ कवि डॉक्टर कैलाश तिवारी के सम्मान में एक गोष्ठी अमृत विद्या पीठ,विंध्य नगर बैढ़न में आयोजित की गई, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में श्री कैलाश तिवारी,साहित्यकार प्रवेश मिश्र “मयंक” गोष्ठी अध्यक्ष एवम वयोवृद्ध कवि श्री उमा शंकर लाल श्री वास्तव व सुरेश गुप्त “ग्वालियरी” विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे!! अमृत विद्या पीठ के संचालक एवम समाजसेवी डॉक्टर अश्विनी तिवारी ने उपस्थिति सभी साहित्यकारों का माल्यार्पण कर स्वागत किया!! मंच का सफल संचालन का भार संभालते हुए साहित्यकार सुरेश गिरि “प्रखर ने सरस्वती वंदना हेतु सासन से पधारे गीतकार के पी सोनी को आमंत्रित किया,
अनेकता में एकता,जिस देश की पहचान है!
हे मां वीणा वादिनी सब तेरा ही वरदान है!! सुनाकर आपने सम्मेलन का आगाज किया, रास पहरी से पधारे लोक गीतकार मनोहर लाल वर्मा ने ” सिंगरौली जिला के सुर मिला के गाइ सिंगरीलिया गीत रे!! सुनाकर तालियां बटोरी, वही सासन से पधारे शिक्षक सुरेंद्र शाह ने मुक्तक,दोहा सुनाकर श्रोताओं का मन मोहा, एक बानगी देखिए
“कर्मों से महान बने हम
अपनी खुद पहचान बने हम”
सुप्रसिद्ध दोहा कार व मुक्तक , घनाक्षरी के वरिष्ठ कवि डॉक्टर सुरेश मिश्र गौतम ने ” विश्वास हो तो पत्थर में भी भगवान मिलते है एवम योग पर छंद सुनाकर श्रोताओं को प्रभावित किया!! नवोदित कवि अवधेश नामदेव ने ” समुद्र किनारे जाकर पूछा” सुनाकर माहौल को गंभीरता प्रदान की!! जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार व हिंदी साहित्य संगम के सचिव प्रिविंदु दुबे “चंचल” ने अपनी कविता ” कब्जा कर लियाआकाश पर,
धूप को छीनकर बादलों ने” सुनाकर रस परिवर्तन किया, श्रोताओं के वाह वाह से सभागार गूंज उठा!! युवा गजलकार संजीव पाठक सौम्य ने ” पसीने,रोटी,और आज रखना! बड़ी बारीक है जिंदगी, नज़रे बाज रखना! मैंने सुना है तुम सच दिखाते हो,आईने तुम अपनी लाज रखना!!
सुनाकर महफिल को लूट लिया।
के पी सोनी (गीतकार व गजल कार) ने अंसुवन बूंद की धारा लिए,जब नैनन काजल संग बहाई!! सुनाकर रस परिवर्तन किया!! वयोवृद्ध कवि एवम सम्मेलन के विशिष्ठ अतिथि सुरेश गुप्त ग्वालियरी ने ” थक गए है पांव चलते,छांव अब मिलती नही है!मुरझा रहे है पेड़ देखो,धूप अब खिलती नहीं है!! हाथ में आरी सभी के, खुरपियां दिखती नही हैं!! सुनाकर प्रदूषण एवम पर्यावरण पर व्यंग्य सुनाया!! वरिष्ठ कवि पूर्व प्रधानाचार्य,एवम विशिष्ठ अतिथि उमा शंकर लाल श्री वास्तव ने “आओ प्रेम से गले मिलें,संभव है कल मिले न मिले! सुनाकर एक साकारात्मक संदेश दिया जिसे श्रोताओं के काफी सराहा!! आज के कार्यक्रम के सभापति एवम हिंदी साहित्य संगम के जिला अध्यक्ष प्रवेश मिश्र मयंक ने गीत,गजल,मुक्तक से काव्य रस की वर्षा की ,एक बानगी देखिए
सादगी से संजीदगी के देश में किस्से बहुत हैं, दोस्तो से सावधानी,दुश्मनों से कम नहीं है!! सम्मेलन का सफल संचालन कर रहे सुरेश गिरी प्रखर ने श्रोताओं को अनेक मुक्तकों ने नवाजा आपका राष्ट्रीयता से ओत प्रोत रचना ” आखिरी सांस तक तमन्ना है मेरी, काम आए मेरा तन वतन के लिए।
अंत में सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉक्टर कैलाश तिवारी ने मुक्तक व बघेली बोली मुक्तक में तथा पिता जी शीर्षक पर काव्य प्रस्तुत कर गोष्ठी को ऊंचाइयां प्रदान की!! अमृत विद्या पीठ विंध्य नगर बैढ़न के संचालक तथा साहित्यकार डॉक्टर अश्विनी तिवारी ने मुख्य अतिथि को शॉल नारियल, तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया, तथा उपस्थित कवि गण एवम श्रोताओं को यादगार शाम बनाने के लिए आभार व्यक्त किया!!
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.