November 22, 2024 1:51 PM

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नगवां ब्लॉक के अनेक जगहों पर कम्युनिटी अन्नपूर्णा किचन के मानक की उड़ाई जा रही धज्जियां।

रिपोर्ट- वेदव्यास सिंह मौर्य
खलियारी-सोनभद्र(सोनप्रभात)

‘एक तरफ सरकार कोरोना वायरस के चलते लाकडाउन मे कोई भी इंसान भुखा न रहनें पाए के लिए सरकार द्वारा हर तरह की सुविधा उपलब्ध करा रही है , वहीं कुछ लोग शासनादेश की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।’

विकास खण्ड नगवां के दर्जनों विद्यालय की पड़ताल में देखने को मिला कि रायपुर क्षेत्र के तीन विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय रायपुर में लगभग पन्द्रह लोगों के लिए दाल,चावल,सब्जी बन रही थी। ग्राम पंचायत पनिकप खुर्द मे बलियारी तथा पनिकप खुर्द दो विद्यालय में सिर्फ पनिकप खुर्द मे लगभग 20 लोगों के लिए सब्जी चावल बन रहा था।

ग्राम पंचायत पड़री मे सहपुरवा,पड़री दो विद्यालय के बीच में पड़री मे सिर्फ लगभग 20 लोगों के लिए दाल,चावल, सब्जी बनी हुई है, कुछ लोग खा भी रहे थे।

ग्राम पंचायत तेनुआ मे चार विद्यालय दरमां,करहीं, रतुआ,तेनुआ है। जिसमें केवल दरमां विद्यालय पर लगभग पन्द्रह लोगों के लिए सब्जी, चावल बन रहा था।

इसी प्रकार सुअरसोत ग्राम पंचायत में तीन प्राथमिक एवं एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में केवल सुअरसोत खुर्द मे लगभग बीस लोगों के लिए सब्जी चावल बन रहा था।

कजियारी ग्राम पंचायत के तीन विद्यालय में केवल कजियारी प्राथमिक विद्यालय पर लगभग पन्द्रह लोगों के लिए सब्जी चावल प्रति दिन बन रहा है।यहां मीड डे मील मे भी कभी मीनू के अनुसार भोजन नहीं बनता।

इसी प्रकार मड़पा,चरगड़ा,देवहार,मांची, बांकी,मझूई.
,ढोसरा,रैयां,डोरीयां इत्यादि विद्यालयों पर कोरम की पूर्ति की जा रही है।

“पड़ताल में एक बात सामने आयी कि-  कोई भी अधिकारी जांच करनें नहीं जाते?

  • खाना कितने लोगों को दिया जाता है?
  • खाने की क्वालिटी क्या है ?
  • खाना सुरक्षित बनाने एवं पहुचाने की क्या ब्यवस्था है?
  • समय पर खाना पहुंच रहा है या नहीं?
  • प्रति व्यक्ति खाने की उचित मात्रा है या नहीं?
  • खाना पहुचने या नहीं पहुचने की स्थिति में सूचना देने की ब्यवस्था नहीं है?

ऐसी स्थिति में कम्युनिटी अन्नपूर्णा किचेन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

गरीबों को रूखा सूखा खिलाकर उनके गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है। इसके साथ
खाते हुए या सरकारी इमदाद द्वारा बांटते हुए फोटोज खीचकर वहाट्सप, फेसबुक पर डालकर वाहवाही बटोरी जा रही है।कुछ गरीबों ने बताया कि भर पेट भोजन भी नहीं मिल पाता।अगर हम लोग अपनी जुबान खोलेंगे तो जो भी रूखा सूखा मिल रहा है वह भी नहीं मिलेगा।

सभी गरीबों ने जिलाधिकारी महोदय का ध्यान आकृष्ट इस तरफ कराया है कि जांच कराकर गरीबों का हक दिलावे।

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