आलेख– एस०के०गुप्त”प्रखर” – सोनप्रभात
पंचांग के अनुसार 23 अक्टूबर को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। सप्तमी की तिथि में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा से अज्ञात भय, शत्रु भय और मानसिक तनाव नष्ट होता है। मां कालरात्रि की पूजा नकारात्मक ऊर्जा को भी नष्ट करती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल महानवमी तिथि की शुरुआत 24 अक्टूबर दिन शनिवार की सुबह 06 बजकर 58 मिनट से हो रहा है, जो कि अगले दिन 25 अक्टूबर दिन रविवार की सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. नवरात्रि व्रत पारण 25 अक्टूबर को किया जाएगा। नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।
नवरात्रि में कन्या पूजा का विशेष महत्व है। सप्तमी, अष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है. कन्या पूजन के लिए सबसे पहले कन्याओं का पैर धोये, फिर उन्हें एक साफ आसन पर बैठायें। उनके हाथों में मौली या रक्षा सूत्र बांधे और माथे पर रोली का टीका लगाएं। दुर्गा मां को उबले हुए चने, हलवा, पूरी, खीर, फल व पूआ का भोग लगाया जाता है। यही प्रसाद कुँआरी कन्याओं को भी भोजन में खिलाया जाता है।
कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें दक्षिणा भी दी जाती है. इसी के साथ कन्याओं को लाल चुन्री और चूड़ियां भी चढ़ाए। इस तरह विधि विधान कन्याओं का पूजन करने के बाद उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि कन्याओं के साथ एक लांगूर भी होना चाहिए. माना जाता है कि लांगूर यानी छोटे लड़के के बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती।
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 22 अक्टूबर दिन गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 17 मिनट के बाद सप्तमी तिथि की शुरुआत हो गई है। सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर शुक्रवार को दिन 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और 24 अक्टूबर शनिवार को दिन में 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो रही है जो 25 अक्टूबर रविवार को दिन में 11 बजकर 14 तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो रही है, जो दूसरे दिन 26 अक्टूबर सोमवार को दिन में 11 बजकर 33 मिनट तक रहेगी. अतः 25 अक्टूबर को ही विजयदशमी पर्व का उत्सव मनाया जाएगा।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन 24 अक्टूबर को करना है। हालांकि महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को कन्या पूजन किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट से हो रहा है, जो 26 अक्टूबर को सुबह 09 बजे तक है। ऐसे में विजयादशमी या दशहरा का पर्व 25 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा।
मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन सोमवार को 26 अक्टूबर को होगा। उस दिन आपको सुबह 06:29 बजे से सुबह 08 बजकर 43 बजे के मध्य दुर्गा माता जी का विसर्जन कर देना चाहिए।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.