जितेंद्र चंद्रवंशी -दुद्धी, सोनभद्र (सोनप्रभात)
- 👉मधुमेह( डायबिटीज) का मुख्य कारण आहार,विहार, दैनिक दिनचर्या के प्रति लापरवाही – आशीष कुमार मुख्य वक्ता

दुद्धी सोनभद्र। मुंसिफ कोर्ट परिसर डॉ राजेंद्र प्रसाद पुस्तकालय भवन में नशा उन्मूलन विचार व गोष्टी आयोजन के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सह संघचालक नंदलाल अग्रहरी एडवोकेट ने कहा कि आज का दिन अघोषित इमरजेंसी जो किसी काला पानी से कम नहीं आज हीं के दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के निर्देश पर सन 1975 को रात्रि 12:00 बजे अघोषित इमरजेंसी की घोषणा कर लोकतंत्र की हत्या की गई जिसकी कड़े शब्दों में निंदा किया गयाा।
साथ ही मुख्य विषय नशा उन्मूलन पर नशा आसुरी शक्तियों के उदभव का केंद्र है व्यक्ति स्वयं को भूल कर नशा का वशीभूत होकर असंवैधानिक अमर्यादित आचरण करता है जिसे रोकना होगा l कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आशीष कुमार ने अपने उद्बोधन में डायबिटीज की उत्पत्ति के प्रमुख कारण व्यक्ति के दिनचर्या आहार-विहार पर ध्यान दिए जाने पर बल दिया, बेवजह चिकित्सक के दवा खाकर रोगी बनने से अच्छा है हम अपनी दिनचर्या में व्यायाम योग को सम्मिलित करें, खाने में परंपरागत चोकर युक्त रोटी जिससे पौष्टिकता रोटी की बनी रहे के लिए अति आवश्यक बताया, साथ ही भोजन सात्विक मन से ड्राइंग टेबल की बजाए जमीन पर बैठकर करने से भोजन के लीवर में पहुंचकर, ब्लड द्वारा धमनियों के माध्यम से शरीर के अंगों में प्रवाहित होकर ऊर्जा का संचार करता है, दुद्धी को जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा के महासचिव प्रभु सिंह कुशवाहा ने कहा कि एक तरफ शराब खुले आम बेचने का सरकार टेंडर करा कर छूट दे रही है दूसरी ओर नशा करने से नुकसान का पाठ लोगों को पढ़ाया जा रहा जो कि विरोधाभासी है, आदिवासी परंपराओं में बिन शराब के देवी देवता भी प्रसन्न नहीं होते ऐसी रूढ़िवादी कुरीतियों के प्रति जागरूक करना होगा, गायत्री परिवार द्वारा दान में एक बुराई ली जाती है जो एक अच्छी परंपरा है इससे लाखों लोगों ने नशा उन्मूलन जीवन शैली अपनाया है, नगर संघचालक अमरनाथ जयसवाल ने कहा कि हमें स्वयं नशे से खुद को दूर करना होगा, दुद्धी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद यादव व कुलभूषण पांडेय एडवोकेट ने कहा कि नशा से खुद को दूर कर स्वस्थ परिवार का निर्माण करना आवश्यक है तभी यह निरोग काया घर परिवार देश के काम में उपयोगी होगा, स्वतंत्र पत्रकार समिति के अध्यक्ष जितेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि विरासत में मिले माता-पिता द्वारा नशा से दूर रहने की प्रेरणा को मूल मंत्र बनाकर समाज और आसपास के लोगों को भी कानून का सहारा लेकर नशे से प्रभावित वातावरण को दूर करने में सफलता अर्जित करने ब्रह्मभोज में मदिरा का सेवन को प्रतिबंधित करने का कठोर प्रतिबंध लगाकर भावी पीढ़ी को नशा के दलदल से बाहर निकालने का कार्य किया।
विचार एवं गोष्ठी में पर्यावरण चिंतक कमलेश मोहन, अवधेश कुमार जयसवाल, आदि ने भी अपने विचार को रह कर नशा से दूर रहने एवं समाज परिवार के लोगों को दूर किए जाने पर विशेष रूप से बल दिया, गोष्ठी का संचालन शिव शंकर प्रसाद गुप्त एडवोकेट द्वारा किया गया।

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