नौवटलिया-तेलगुडवा संपर्क मार्ग की पुलिया जर्जर, बड़ा हादसा बनने की कगार पर – ग्रामीणों में आक्रोश.

डाला (सोनभद्र) अनिल अग्रहरि/ सोन प्रभात 

कोटा ग्राम पंचायत के नौवटलिया टोला को तेलगुडवा से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर बनी पुलिया इस समय पूरी तरह जर्जर होकर राहगीरों के लिए मौत का जाल बन चुकी है। लगभग वर्ष 2010 में क्षेत्र पंचायत द्वारा निर्मित यह पुलिया अब टूट-फूट कर ऐसी स्थिति में पहुंच चुकी है कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। पुलिया के बीचों-बीच दो से तीन फीट का गड्ढा हो गया है, जिसमें से लोहे की छड़ें झांकती हुई दिख रही हैं।

रात में कई बार हादसे, दिन में घायल हो रहे लोग

ग्रामीणों के अनुसार पिछले दो महीनों से यह पुलिया टूटी हुई है। रात के अंधेरे में बाइक सवार कई लोग इस गड्ढे में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, वहीं दिन के समय भी पैदल और साइकिल सवार लोग अक्सर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। बावजूद इसके विभाग ने अब तक मरम्मत की कोई ठोस पहल नहीं की है।

अधिकारियों की लापरवाही पर भड़के ग्रामीण

राहगीर संत कुमार, प्रदीप कुमार, राम किशुन तथा पडरछ प्रधानपति अमरेश यादव ने मौके पर बताया कि—
“लगभग दो महीने से पुलिया जर्जर होकर टूटी है, लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान इस पर नहीं जा रहा। यह रास्ता मुख्य मार्ग की तुलना में छोटा और सुविधाजनक है, इसलिए लोग अक्सर इसी का उपयोग करते हैं। लेकिन पुलिया की हालत बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रही है।”

पीडब्ल्यूडी खंड-2 के अधिशासी अभियंता ने पुलिया टूटने के बाद केवल एक संकेतिक बोर्ड लगाकर खानापूर्ति कर दी थी, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ। इससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर संकट

गांव के बच्चे मनदीप कुमार, प्रमिला कुमारी, बिक्की और प्रवीन कुमार ने बताया कि रोज इसी रास्ते से स्कूल जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में पुलिया पर पानी भर जाता है और मजबूरी में पुलिया के किनारे से गुजरना पड़ता है। उस समय चारों ओर पानी भरा रहता है, जिससे बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है।
“पुलिया पार करते समय बहुत डर लगता है, लेकिन दूसरा कोई रास्ता नहीं है।” – बच्चों ने कहा।

ग्रामीणों की जिला प्रशासन से गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। उन्होंने जिला अधिकारी से तत्काल संज्ञान लेकर पुलिया की मरम्मत करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।

⚠️ जर्जर पुलिया सिर्फ लोहे की छड़ों पर टिकी है और आवागमन करने वाले लोगों की जान रोजाना जोखिम में है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक जागरूक होकर इस गंभीर समस्या का समाधान करता है।

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