• 1 वर्ष पूर्व सिपाही की मौत के बाद भी नहीं लग पाया अंकुश,
संवाददाता – वेदव्यास सिंह मौर्य @Sonprabhatlive
सोनभद्र। सोनभद्र जनपद का रायपुर थाना क्षेत्र पशु तस्करों के सुरक्षित निकालने का सबसे सुगम क्षेत्र हो गया है ।लगभग 1 वर्ष पूर्व पशु तस्करों ने एक सिपाही की जान ले ली थी उसके बाद थोड़ी कमी जरूर आई लेकिन रायपुर क्षेत्र में यह धंधा बंद नहीं हो सकता है ।आज तड़के पशुओ से लदी तीन गाड़ियां धड़ल्ले से निकल गई भागने के चक्कर में डोरिया ग्राम पंचायत में बन रहे सरदार वल्लभ भाई स्मृति द्वार के बांस बल्लियों को धक्का मरते हुए पशु तस्कर जाने में सफल रहे ।
बताया गया कि इस समय वर्तमान में मिर्जापुर की तरफ से आने वाले पशु तस्कर केकराही के करीब से मधुपुर की तरफ मुड़ जा रहे हैं वहां से नहर की पटरी पड़कर सीधे मझगाईं होते हुए वह चकरघट्ट थाना में प्रवेश कर जा रहे हैं ।चकरघट्टा थाना में आने के बाद हुआ फिर सरई गढ़ पुलिस चौकी क्षेत्र से होकर पकरहट के पास आकर मुख्य मार्ग पर फर्राटा भर रहे हैं यदि पुलिस का लोकेशन रायपुर चौराहे के पता चलता है तो वह सब डोरिया के मार्ग से होते हुए नकटुआ बंधी से होते हुए बिहार में प्रवेश कर जा रहे हैं ।
बीच में कुछ दिनों कप्तानकी सक्रियता से पशु तस्करी का धंधा मंदा पड़ गया था लेकिन पिछले एक महीने से सप्ताह में 3 दिन 4 दिन पशु तस्करों के चार-पांच वाहन साथ में निकल जा रहे हैं ।इस खेल के पीछे रायपुर थाने पर तैनात एक सिपाही की भूमिका काफी सक्रिय बताई जा रही है चर्चा है कि उक्त सिपाही पुलिस के लिए वसूली का कार्य कर रहा है और पशु तस्करों को अपने अधिकारियों का लोकेशन देकर उन्हें सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका अदा कर रहा है।ज्ञात हो कि एक वर्ष पूर्व बैनी में संदीप नामक एक हेड कांस्टेबल ने जब पशु तस्करों को रोकने का प्रयास किया तो पशु तस्कर उसे धक्का मरते हुए भाग निकले थे जिसमें उक्त पुलिसकर्मी ने दम तोड़ दिया था।
वर्तमान में फिर जिस तेजी से पशु तस्कर सक्रिय हैं वह कभी भी किसी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। क्योंकि बृहस्पतिवार के सुबह लगभग छः एक पशुओं से भरी गाड़ी रायपुर थाना मोड़ पर बैरिकेडिंग को धक्का मारकर निकल गई।इस संबंध में डोरिया ग्राम प्रधान प्रतिनिधि परमानंद सिंह ने बताया कि आज भोर में पशु तस्करों की गाड़ी डोरिया संपर्क मार्ग से होकर निकली जिसका परिणाम रहा की गांव के प्रवेश द्वार पर बन रहा सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मृति द्वारा की बांस बल्लियों को पशु तस्करों के वाहन ने बिखेर दिया यह सहयोग ही रहा की ढलाई नहीं हुई थी नहीं तो कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।