सोनप्रभात लाइव
- बगैर किसी आदेश के बुलडोजर से गरीब व्यक्ति का घर गिराने का है मामला
- सीजेएम कोर्ट ने धारा 156(3) सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र पर दिया आदेश
सोनभद्र। बगैर आदेश के बुलडोजर से गरीब व्यक्ति का घर गिराने के मामले में मंगलवार को सीजेएम अचल प्रताप सिंह की अदालत ने पिपरी एसओ दिनेश पांडेय समेत करीब दो दर्जन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है। यह आदेश पिपरी थाना क्षेत्र के शिवा पार्क काली मंदिर के सामने मेन रोड रेणुकूट निवासी बाबूलाल यादव द्वारा अधिवक्ता के जरिए दाखिल धारा 156(3)सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र पर हुआ है।
दिए प्रार्थना पत्र में बाबूलाल यादव ने अवगत कराया है कि वह शिवा पार्क काली मंदिर के सामने मेन रोड रेणुकूट में अपने बाप दादा के जमाने से पिछले 60 वर्षो से घर बनाकर आबाद है। उसके नाम से बिजली का कनेक्शन भी है। बावजूद इसके 2 फरवरी 2023 को दोपहर करीब एक बजे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड रेणुकूट के सिक्योरिटी मैनेजर कैप्टन राहुल सिंह अपने साथ हिंडाल्को के चार कर्मचारी एवं आठ बाउंसर लिए हुए तथा अदालत अमीन अम्बरीष पाठक अपने साथ एक अन्य कर्मचारी, पिपरी थानाध्यक्ष दिनेश पांडेय एवं 8- 10 पुलिस कर्मियों सभी लोग गोलबंद होकर साथ में हिंडाल्को का स्टीकर लगा हुआ बुलडोजर लेकर उसके घर आ गए। घर के शेष हिस्से में चाय की दुकान चलाता था और शेष हिस्से में परिवार के साथ आबाद था। उक्त लोग उसके दुकान का सामान तोड़फोड़ करने लगे तथा हट जाने की बात कहते हुए बुलडोजर से उसका घर गिराने लगे। जब घर गिराने का आदेश मांगा तो सभी लोग उसे गली देने लगे। इस वाकए के बाद करीब 50- 60 की संख्या में लोग आ गए। तब तक उसका घर जमीदोज हो गया। दुकान व घर का सामान तथा करीब एक लाख रूपये का जेवर भी मलबे में दब गया। जब मौके पर जमा भीड़ ने अदालत अमीन अम्बरीष पाठक से आदेश दिखाने की मांग की तो उन्होंने बताया कि बाबूलाल यादव के घर के बगल के रहने वाले लालमन वगैरह का घर गिराने का आदेश कोर्ट ने दिया है। जब लोगों ने कहा कि गरीब व्यक्ति का घर कयो गिरा दिया तो सभी लोग माफी मांगने लगे। इस गंभीर अपराध की वजह से गरीब बाबूलाल खुले आसमान के नीचे गुजर कर रहा है। उक्त लोगों ने जानबूझकर यह अपराध किया है। बाबूलाल यादव ने घटना की सूचना एसपी सोनभद्र को दिया, किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब मजबूर होकर अदालत की शरण में आया हूं। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध मानते हुए उक्त घटना के बाबत पिपरी एसओ को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना करने अथवा कराने का आदेश दिया है।