डाला – सोनभद्र / डाला संवाददाता अनिल कुमार अग्रहरि- सोन प्रभात
डाला सोनभद्र। भूगतान के लिए परेशान उत्तर प्रदेश राज्य सीमेन्ट निगम के पूर्व कर्मचारियो ने सोमवार को डाला सेक्टर सी स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में बैठक के बाद प्रदर्शन कर आंदोलन की रणनीति बनाई स्थानीय सेक्टर सी स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में बैठक के दौरान पूर्व सीमेन्ट निगम कर्मचारियो ने कहा कि मा.उच्चन्यायालय के आदेश पर 8 दिसम्बर 1999 को डाला,चुर्क,चुनार में स्थित राजकीय सीमेन्ट फैक्ट्री को बंद कर दिया था।इसके बाद भी सीमेन्ट प्रबंधन के आदेश पर सभी कर्मचारी पूर्व की भांति ही कार्य करते रहे।
31 जुलाई 2001 को शासकीय समापक अधिकारी ने सीमेन्ट फैक्ट्री को हैण्डओ वर कर लिया। उस समय डाला,चुर्क,चुनार व गुर्मा में लगभग पाँच हजार से अधिक कर्मचारी काम करते थे।जिसमें 28 सौ कर्मचारी डाला सीमेन्ट निगम में कार्यरत्त थे।कारखाना को बाईन्ड कर दिया गया।जिसके बाद कार्यरत्त समस्त सीमेन्ट कर्मीयो कि सेवाए समाप्त कर दी गयी ।अचानक सीमेन्ट निगम कि बंदी से सीमेन्ट कर्मीयो कि स्थिति दिनोदिन दयनीय हो गयी।कई सीमेन्ट कर्मीयो ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या तक कर लिया।बहुत लोगो का दवा के अभाव में मौत हो गयी ।बच्चो कि शिक्षा दिशा बंद हो गयी ।किसी प्रकार बच्चे हुए लोग परिवारो का यहा-वहा कामकर भरणपोषण करने में लगे हैं।उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत 812 सीमेन्ट कर्मीयो को वेतन,पेंशन एवं शेष बचे कार्यावधि के तहत समायोजन किया गया है। यह सुविधा उन्ही सीमेन्ट कर्मीयो तक सीमित रह गया है, जिन्होने उच्चतम न्यायालय में वाद दाखिल किया था।अभी भी डाला सीमेन्ट निगम के दो हजार से अधिक सीमेन्ट कर्मी शेष बचे है, जो गरीबी व अनभिज्ञता के कारण न्यायालय में वाद दाखिल नहीं कर सके है।सबका साथ सबका विकास के तहत इन कर्मीयो को भी वेतन,पेंशन, समायोजन व ईपीएफ का लाभांष दिया जाय।कुछ कर्मचारीयो ने उच्चम न्यायालय में वाद दाखिल किया था और निर्णय भी उनके पक्ष में आया।जिसे मुख्यसचिव उत्तर प्रदेश को प्रेषित भी किया गया।लेकिन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि दावा समायोजित कर्मचारियो के समान नहीं है।जिससे लोग हताश व निराश है।इस दौरान पूर्व सीमेन्ट कर्मी सजावल पाठक,देवनाथ चन्द्रवंशी,अशर्फी,अनिल सिंह,केदारनाथ,सितला प्रसाद,शिवधारी,विजय मौर्य,संजय प्रसाद,रतन,रामजीत,हरिहर, कैलाश शर्मा,विनोद पाल,जगरनाथ,जय बहादुर यादव,लक्ष्मण कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहे।
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