सोनभद्र, रेनुकूट / यू. गुप्ता / सोन प्रभात
👉पिछले 9(नौ) सालों से जिले में सर्वाधिक स्वैच्छिक रक्तदान कराने वाली संस्था बनी प्रयास फाउंडेशन,एक मुहिम जिंदगी बचाने की रक्तदाता समूह
👉 स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट
आर्गेनाईजेशन (सोटो ) के पहल पर अब नेत्रदान व अंगदान के लिए भी कर रहे प्रेरित
सबसे पहले सभी पाठकों को विश्व रक्तदाता दिवस वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की हार्दिक बधाई और शुभकामनाए।
सभी पाठकों से बताना चाहता हूं कि विश्व रक्तदाता दिवस प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में 14 जून को कार्ल लैंडस्टीनर के जयंती पर मनाया जाता है कार्ल लैंडस्टीनर महान वैज्ञानिक थे इनका जन्म 14 जून 1968 को हुआ था इन्होंने एबीवो ब्लड ग्रुप की खोज की इसके लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया वर्ष 2004 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पहली बार विश्व रक्तदाता दिवस को माना उसके बाद प्रत्येक वर्ष 14 जून को सभी ब्लड बैंक में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा रक्तदाताओं एवं रक्तदान शिविर आयोजित करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है।

इसके पीछे यह उद्देश्य है कि
रक्तदान के प्रति जन जागरूकता फैलाना
रक्तदान के लिए युवाओं को जोड़ना व नए रक्तदाता बनाना
इसके कई और माध्यम है जैसे बैनर पोस्टर ,पुम्प्लेट, संगोष्ठी, रक्तदान पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता ,सेमिनार ,रैली तथा मीडिया के सहयोग से व्यापक प्रचार प्रचार कर नए रक्तदाता बनाना रक्तदान शिविर में अधिक से अधिक रक्तदाता पहुंचे इसके लिए प्रयास करना जिससे हर जरूरतमंद मरीज को रक्त की आपूर्ति कर अनमोल जिंदगी को बचाया जा सके।
*आप भी नियमित रक्तदाता बन सकते हैं*
यदि आपकी उम्र 18-65 वर्ष के मध्य हो
आपका वजन 45 किलो से अधिक हो
आपका हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम प्रति डेली हो
तथा पिछले 1 साल में कोई बड़ा ऑपरेशन नहीं हुआ हो.
एक पुरुष 90 दिन के अंतराल में वर्ष में चार बार और एक महिला 120 दिन के अंतराल पर वर्ष में तीन बार रक्तदान कर अनमोल जिंदगियां बचा सकती हैं आपको यह भी जानना आवश्यक है कि एक स्वस्थ पुरुष अपने जीवन में 188 बार और एक स्वस्थ महिला अपने जीवन में एक 141 बार रक्तदान कर सकती हैं।

*कौन नहीं कर सकता है रक्तदान*
एक सप्ताह पहले सर्दी बुखार न हुआ हो
एन्टीबायोटिक्स या अन्य कोई दवा न ले रहे हो
हृदय संबंधी समस्या ,उच्च रक्तचाप मिर्गी ,मधुमेह, इंसुलिन थेरेपी ,कैंसर किडनी, या लवर रोगी, या यौन रोगी रक्तदान नहीं कर सकते हैं.
*महिलाओं को रक्तदान के समय ध्यान देने योग्य बातें*
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान रक्तदान नहीं करना चाहिए
वह सामान्य प्रसव के 6 माह बाद और जब वे स्तनपान नहीं कर रही हो तब रक्तदान कर सकती
हैं यदि महिलाओं को भारी मासिक धर्म प्रवाह या मासिक धर्म ऐंठन की समस्या हो तो उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए.
गर्भपात कराने के 6 माह तक रक्तदान नहीं करना चाहिए
नार्मल मासिक धर्म समाप्ति के एक सप्ताह बाद रक्तदान कर सकते हैं.
*रक्तदान के फायदे*
रक्तदान से पहले रक्तदाता का निम्न जांच निशुल्क होता है
जैसे एचआईवी ,हेपेटाइटिस बी ,सी,सिफलिस, मलेरिया हीमोग्लोबिन, वेट ,अगर आप सभी जांच मार्केट में कराते हैं तो लगभग 2750 से 2800 रुपए खर्च होंगे. *रक्तदान करने से कुछ अप्रत्यक्ष लाभ भी होते हैं*
जैसे आत्मीय संतुष्टि ,जिंदगी देने की खुशी का अनुभव ,सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि ,स्वस्थ व प्रसन्न रहेंगे
बीमारी का पहले पता चल जाना. इसके साथ-साथ नियमित रक्तदाता के अंदर आयरन लेवल की मात्रा कम जाती है और खून भी पतला रहता है जिसके कारण हृदय रोग की संभावना 33% कम हो जाती है हीमोक्रोटोसिस नामक बीमारी में आयरन के स्टोर्स बढ़ जाते हैं रक्तदान द्वारा इसका भी इलाज होता है नियमित रक्तदान से बोन मैरो भी प्रचुर मात्रा में रक्त की कोशिकाएं बनता है जिससे हमारा रक्त स्वस्थ होता है कैलोरी व कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम जाता है इसलिए आप सभी नियमित स्वैच्छिक रक्तदान लाइसेंससुदा ब्लड बैंक में अवश्य रक्तदान करें आप खुद स्वस्थ रहते हुए दूसरे को जिंदगी देने की खुशी का अनुभव करें क्योंकि
आओ नमन करें उन्हें उनके हिस्से में मुकाम आता है खुशनसीब है वो जिनका खून और उनके काम आता है
*ये है सेवा के पुजारी*
हर व्यक्ति अपने काम ड्यूटी परिवार में व्यस्त है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इंसानियत और मानवता के लिए कार्य करते हैं ये है- दिलीप कुमार दुबे, शुभम केसरी, अंबिका गुप्ता, कृष्णा यादव,राजेश पासवान, गौतम अग्रवाल, अमित चौबे, आशीष शुक्ला, मणि भूषण सिंह।

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