- तीन माह पहले डॉक्टर का कहीं तबादला हो गया है।
डाला – सोनभद्र / अनिल कुमार अग्रहरि/ सोन प्रभात
डाला,सोनभद्र। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन अंतर्गत नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में फार्मासिस्ट के माध्यम से दवा दी जा रही है। मरीजों को मजबूरी में निजी चिकित्सकों को दिखाना पड़ रहा है। यहां तैनात डॉक्टर का लगभग तीन महीने पहले कही और तबादला हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार जब डॉक्टर सीएचसी पर रहते थे तो प्रतिदिन लगभग 40 से 50 मरीज आते थे। लेकिन यहां पर तैनात चिकित्सक के गैर जनपद स्थानांतरण हो जाने के बाद मरीजों की संख्या घट गई। अब बमुश्किल 10 से 15 मरीज ही उपचार के लिए आ रहे हैं।
आपको बता दूँ कि नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुरमुरा का यह क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र की आबादी लगभग बीस हजार आबादी की इलाज की जिम्मेदारी पीएचसी गुरमुरा पर है, जबकि यहां से लगभग बीस किमी दूर सीएचसी चोपन है।
नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुरमुरा पर डॉक्टर का न होना गरीब आदिवासियों के लिए महज यह एक ढांचा बनकर रह गया क्योंकि रोजमर्रा की जीवन यापन करने वाले गरीब आदिवासियों को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता हैं जिससे उनके जीवन यापन पर अर्थ की मार झेलाना पड़ता हैं क्योंकि झोलाछाप से इलाज कराने में भारी रकम देनी पड़ती हैं जिससे उनकी अर्थ व्यवस्था चरमरा जाती हैं या पैसे के अभाव झाड़फूंक के चक्कर मे पड़ कर जाने गवा देते हैं।
वही ग्रामीणों का कहना है कि गुरमुरा मेन हाइवे के बगल में बना यह अस्तपताल लोगों के लिए बड़ा महत्व रखता हैं क्योंकि आए दिन हो रहे घटना दुर्घटना में घायलों का प्राथमिक इलाज हो जाता हैं और इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होता हैं परन्तु डॉक्टर के न होने पर हम लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता हैं। आखिर स्वास्थ्य विभाग हम आदिवासी लोगो पर कब ध्यान देगी की यहां डॉक्टर परमानेंट रहे और कही इनकी ड्यूटी न लगा हो ताकि हमलोगों को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा न लेना पड़े।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.