November 22, 2024 5:24 AM

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बभनी : दुष्कर्म मामले में पहले से काट रहा था सजा फिर 5 वीं की छात्रा से दुष्कर्म मामले में मिली उम्र कैद।

  • 2013 में भी एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 2022 में हुई थी सजा। एक और मामले में उम्र कैद मिली।
  • दो लाख रूपये अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
  • बभनी थाना क्षेत्र के चौना स्थित एक निजी विद्यालय का मामला।
  • अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 60 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
  • साढ़े 4 वर्ष पूर्व 2019 में 12 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला।
  • इससे पहले भी नाबालिग से ही दुष्कर्म मामले में 2022 में 5 साल की हुई थी जेल।

सोनभद्र/ सोन प्रभात – राजेश पाठक / आशीष गुप्ता


सोनभद्र। साढ़े चार पूर्व 12 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल को उम्रकैद एवं दो लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 60 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।

क्या था पूरा मामला ?


अभियोजन पक्ष के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के चौना गांव निवासी पीड़िता की मां ने बभनी थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 12 वर्षीय नाबालिग बेटी गांव के ही एक निजी विद्यालय में कक्षा 5 में पढ़ती है। 6 नवंबर 2019 को जब बेटी स्कूल पढ़ने गई थी तो शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल पुत्र भगौती जायसवाल ने छुट्टी होने पर  जब सभी बच्चे चले गए तो उसकी बेटी को शिक्षक ने रोक लिया और करीब तीन बजे उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और बेटी को घर पहुंचा कर चला गया। बेटी को किसी से ना बताने के लिए मना किया था। पीड़िता बेटी ने रोते हुए अपनी माँ से सारी घटना बताई। तब पत्नी ने उसे घर में बताया।

इस घटना से पहले भी संतोष जायसवाल को एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में हुई थी सजा

यहां पढ़ें पिछली खबर : पॉक्सो एक्ट: दोषी संतोष कुमार जायसवाल को 5 वर्ष की कैद।

तहरीर के बाद हुई बड़ी कार्यवाही, दूसरे मामले में मिली उम्र कैद

तहरीर पर 7 नवंबर 2019 को पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी शिक्षक संतोष कुमार जायसवाल को उम्रकैद एवं दो लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 60 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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