- मशीनों के इस्तेमाल से सोन नदी के जलीय जीवों पर छाया गहरा संकट विलुप्त हो सकते हैं कई जलीय जीवों के अस्तित्व।
चोपन / सोनभद्र – अनिल कुमार अग्रहरि/ सोन प्रभात
जनपद सोनभद्र के सोन नदी तथा इसके सहायक नदियों में बालू खनन को लेकर कई कंपनियां काम कर रही हैं जहां खनन के दौरान मानकों की अनदेखी करते हुए नदियों की बांधी जलधारा को बांधकर खनन किया जा रहा तो वहीं दूसरी ओर हेवी मशीनरी तथा नव में प्रेशर पाइप लगाकर नदियों से पानी के साथ बालू को खींचा जा रहा जिससे सोन तथा सहायक नदियों में पाई जाने वाली कई दुर्लभ प्रजाति के जलीय जीव जिम जैसे की कछुआ, मछलियां व घड़ियाल, मगरमच्छ के प्रमुख पर गहरा संकट मंडराने लगा है तो वहीं दूसरी ओर नदियों के किनारे रहने वाले मत्स्य का व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए भी रोजगार पर आर्थिक संकट मंडराने लगा है व्यवसाय से जुड़े लोगों से माने तो बालू खनन से पहले सोन नदी में पर्याप्त मात्रा में मछलियां पाई जाती थी जिनके द्वारा निषाद समाज के परिवार का भरण पोषण होता था तथा मत्स्य व्यवसाय से सोनभद्र में काफी रोजगार के अवसर मिलते थे किंतु विगत कुछ सालों से लगातार सोन नदी की बहती हुई जलधारा को रोककर उन पर बांध बनाकर तथा मशीनों के इस्तेमाल से हो रहे अवैध खनन से नदी की जलधारा में छोटी मछलियां प्रजनन के दौरान जन्म लेने वाले छोटे मछलियां कछुआ तथा कुछ घड़ियाल इन मशीनों के प्रेशर से खींचकर लगातार मारते जा रहे हैं ।
बावजूद इसे लेकर सोनभद्र जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहे हैं नतीजा सोन नदी की जलधारा मृत सागर के समान बनती जा रही जहां जीवन का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा वही मामले में लगातार निषाद समाज तथा मत्स्य विभाग से जुड़े लोग नदियों में मछलियों को छोड़ रहे हैं लेकिन मछलियां कहां चली जा रही हैं इसका जवाब देने वाला कोई नहीं यदि समय रहते सोन नदी की जलधारा के जीवन को बचाने का प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले समय में सोने की जलधारा भी यमुनातथा उन नदियों के समान हो जाएगा जो बिल्कुल मृत हो चुकी है और दूषित होती जा रही हैं।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.