- 48 बीघे की लीज के आड़ में हो रहा सैकड़ों बीघे पर अवैध खनन।
सोनभद्र / सोन प्रभात – अनिल अग्रहरि
सोनभद्र – जनपद में अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई के नाम बहुत आसान बन जाता है वह विभाग और पुलिस द्वारा लरिव्हां कर रहे गाड़ियों को पकड़ सीज किया जाता है। उसी में जिले के आला अधिकारी फुले नही समाते।
अवैध खनन को लेकर जहां पुलिस प्रशासन , जिलाप्रशासन, वन विभाग , खनन विभाग मून है वही बालू खनन व्यवसाई मद मस्त है। ब्रह्मुरी बालु साइड पर हो रहे NGT के नियमो को ताख पर रख खनन में जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है, जिसके कारण जीवनदायिनी नदियों से अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार नदियों के जीवन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सोन नदी में जहां ब्रह्मुरी में बन बिभाग ने मंजूरी दिया कि बालू साइड से रास्ता न होने के कारण जंगल से गुजरने को परमिशन दिया गया। परन्तु नदी की जलधारा पर पुल बना कर खनन करने की अनुमति जारी नही की गई। फिर भी नदी को पार कर अवैध तरीके से जनपद के कोन थाना अंतर्गत बदस्तूर अवैध कार्य जारी है।
ब्रह्मुरी बालू साइड मे० वर्द्धमान इन्वेस्टमेंट एण्ड कम्पनी, द्वारा- श्री राजीव गुप्ता पुत्र श्री सुन्दर लाल जी गुप्ता, निवासी शान्ति इन्कलेव कालपी ब्रजरोड मोरार, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के नाम आराजी स0 – 385 के सम्पूर्ण रकवे में 12.146 हे0 यानी लगभग साढ़े 48 बीघा लीज स्वीकृत है। वह भी भूमि आराजी स0 -386 से पीछे है । देखा जाय तो आराजी स0- 385 की जगह आराजी स0-386 के 192 बीघे के रकवे में भरपूर अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है। जबकि जब कि जनपद के महानुभाव व जिला प्रशासन के नेतृत्व में अवैध खनन फल फूल रहा है। जिसकी शिकायतों पर जब जांच की रिपोर्ट जिम्मेदार खनन विभाग के अधिकारी लगाते है तो नपा तौला जबाब मिलता है कि जॉच के समय मौके पर पट्टा क्षेत्र के अन्तर्गत खनन एवं परिवहन कार्य किया जाना पाया गया तथा नदी की धारा को मोड़कर प्रतिबन्धित मशीनों द्वारा खनन किया जाना नही पाया गया। इससे प्रतीत हुआ कि प्रशासन कितना कर्यवाही करने में तत्परता दिख रही है।
अवैध खनन पर क्या बोले UP मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री योगी ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान सीमावर्ती जिलों में कार्यरत 39 चेकपोस्ट पर तकनीकी का उपयोग करते हुए बालू मौरंग बोल्डर सहित अन्य खनिजों की माल ढुलाई के दौरान विशेष निगरानी का निर्देश दिया। चेकगेट्स की संख्या बढ़ाने और बालू व मौरंग के विकल्प तलाशने की नसीहत भी मुख्यमंत्री ने दी। जिसकी कोई सार्थक पहल सोनभद्र में नही। बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता जा रहा है और हो भी रहे हैं तो दूसरी तरफ कनहर सोन नदी की झलक भी संकट में डूबे हुए नजर आ रहे हैं।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.