मनु स्मृति के आईने में : स्त्री गमन व गर्भ में लिंग निर्धारण।
लेख – डॉ० लखन राम ‘जंगली’ (कवि, साहित्यकार) लिलासी / सोनभद्र – सोन प्रभात
सनातन साहित्य की विशेषता रही है की विषय विशेष के ग्रंथों में भी मानव जीवन के सभी पक्षों का स्पर्श चाहे सुत्र रूप में ही सही, हुआ अवश्य है। मनु स्मृति में भी यह विशेषता दिखती है। स्मृति का अध्याय 3 व अध्याय 9 स्त्री विमर्श का अध्याय कहा जा सकता है,किंतु हम यहां केवल स्त्री गमन और गर्भ में लिंग निर्धारण जैसे जीव वैज्ञानिक विषयों की चर्चा करेंगे। अध्याय 3 के श्लोक संख्या 45 46 47 व 50 के सार को इस प्रकार रेखांकित किया जा सकता है।
1- रजोदर्शन के चार दिनों सहित प्रारंभ के 16 दिन स्त्रियों के लिए स्वाभाविक रितु काल (गर्भधारण काल) है।
2- रजोदर्शन के प्रथम 4 रात्रि, ग्यारहवीं व तेरहवीं रात्रि स्त्री गमन के दृष्टिकोण से निन्दित रात्रियाँ है। अर्थात इन रात्रियों में स्त्री गमन उपयुक्त नहीं है।
3- पर्व की रात्रियों में भी स्त्री गमन निन्दित कहा गया है।
4-‘स्वदारनिरतः सदा’ अपनी पत्नी मे ही रत रहे, ऐसा निर्देश है।
5- स्वाभाविक ऋतु काल के 16 दिन के बाद व पुनः राजोदर्शन के पूर्व के 12 दिनों मे भी स्त्री की संतुष्टि के लिए स्त्री गमन का निर्देश किया गया है।
6- स्त्री गमन संबंधी निर्देशों का आचरण करने वाले पुरुष को ब्रह्मचारी के समान बताया गया है।
मनुस्मृति अध्याय 3 का 48वां व 49 वां श्लोक जीववैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय है-
#युग्मासु पुत्त्रा जायन्ते स्त्रियोsयुग्मासु रात्रिषु।
तस्माद् युग्मासु पुत्त्रार्थी संविशेदार्तवे स्त्रियम्।।3/49।।
अर्थात रितु काल के युग्म रात्रियों में स्त्री गमन से पुत्र व अयुग्म रात्रियों में स्त्री गमन से पुत्रियों की प्राप्ति होती है।
अतः पुत्र चाहने वाला रितु काल के युग्म रात्रियों में स्त्री गमन करें।
पुमान् पुंसोsधिके शुक्रे स्त्री भवत्यधिके स्त्रियाः।
समेsपुमान् पुंस्त्रियौ वा क्षीणेsल्पे च विपर्ययः।।3/49।।
अर्थात स्त्री पुरुष समागम में पुरुष का वीर्य अधिक होने पर पुरुष उत्पन्न होता है तथा स्त्री वीर्य (शोणित) अधिक होने पर स्त्री उत्पन्न होती है। दोनों के बीज समान होने पर नपुंसक अथवा पुरुष व स्त्री जुड़वा संतान उत्पन्न होते हैं। स्त्री पुरुष दोनों के बीज अल्प मात्रा में अथवा निस्सार होने पर गर्भ का उत्पादन नहीं होता है।
दुर्भाग्य की बात है कि इस तरह के शोध विषयक मनुस्मृति के संदर्भों की चर्चा से आमजन ही नहीं पढ़ा-लिखा समाज भी वंचित है।
– लेख : लखन राम ‘जंगली’ – लिलासी कला / सोनभद्र
– संकलन : आशीष कुमार गुप्ता (संपादक /सोन प्रभात
Son Prabhat Live News is the leading Hindi news website dedicated to delivering reliable, timely, and comprehensive news coverage from Sonbhadra, Uttar Pradesh, and beyond. Established with a commitment to truthful journalism, we aim to keep our readers informed about regional, national, and global events.