डाला/अनिल कुमार अग्रहरि/सोनप्रभात
डाला सोनभद्र । कितनी खामियों के बीच बन रहा शौचालय जिसका वर्णन नगरवासी या नगर के जिम्मेदार नही कर पा रहे । वही मानक को ताख पर रख कर मनमाने ढंग से निर्माण कार्य का श्रेय किसको दिया जाय।
शौचालय के निर्माण मानक के विपरीत और जिम्मेदार …….में खुश, आखिर ऐसी क्या परिस्थिति है कि मानक के विपरीत सामने बने भवन के दरवाजा भी मानक के बिपरीत ही बन गया। ऐसे में शिकायतों की ढेर लग गयी परन्तु ऊँची सुनने वालों को न कुछ दिखायी दे रहा ना ही सुध लेने को तैयार है। शहिद स्थल पर बन रहा शौचालय प्रारम्भ से ही आँख मिचौली में चक रहा है। वही सामने बने भवन का नीव मानक के विपरीत तो डोर भी मानक के विपरीत है जो डाला ही नहीं गया। कुछ दिनों पहले ही शौचालय के कक्षों की उचांई कम होने के कारण शिकायत में जांच पर सम्बन्धित जेई द्वारा तोड़वा दिया गया । जेई अरविंद कुमार से बताया कि दरवाले की ऊंचाई 2 मीटर होनी चाहिए वही 1 मीटर 70 सेंटीमीटर ही मिला । उसके बाद तोड़ने का आदेश देकर ग़ायब हो गए। लेकिन सामने बने भवन के दरवाजा तो जैसे का तैसा छोड़ दिया गया। । याब लाखों खर्च के बाद शौचालय की ऐसी स्थिति में जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे है। जेई अरविंद कुमार से जब भी साइड पर लरकलां लागत या स्टीमेट मांगा गया तो यह बोल कर टाल देते है कि काम अच्छा हो रहा है। यदि कार्य अच्छा है तो फिर भवन का दरवाजा उचाई में काम कैसे हो गया। नगर के मानिंद नगरवासियों ने बताया कि स्टिमेट के अनुसार जांच कर ठेकेदार व जेई के प्रति उचित कार्यवाही करने की जरूरत है।