- सोशल मीडिया पर CMO सोनभद्र से की गई शिकायत, प्रशासन मौन
म्योरपुर, सोनभद्र। Ashish Gupta / Sonprabhat News
ग्रामीण अंचल की सेहत की जिम्मेदारी संभालने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) म्योरपुर इन दिनों खुद गंभीर सवालों के घेरे में है। आरोप है कि यहां होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में पंजीकृत डॉक्टर द्वारा एलोपैथिक व अन्य पद्धतियों की दवाइयां लिखी जा रही हैं, जो न सिर्फ चिकित्सा नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ भी माना जा रहा है।

नियमों की धज्जियां, मरीज बना मजबूर
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि म्योरपुर सीएचसी में लंबे समय से एलोपैथिक डॉक्टरों की नियमित तैनाती नहीं है। ऐसे में ओपीडी का संचालन होम्योपैथिक चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है, लेकिन मरीजों को एलोपैथिक दवाओं के पर्चे थमाए जा रहे हैं, जिनमें अधिकांश दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध नहीं होतीं। नतीजा यह कि गरीब मरीजों को मजबूरी में निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे उनका इलाज बोझ बनता जा रहा है।
पर्चियां बनीं सबूत
मामले में सामने आई पर्चियों की तस्वीरें इस पूरे खेल की पोल खोलती हैं। पर्चियों पर दर्ज दवाओं के नाम साफ तौर पर एलोपैथिक कैटेगरी की ओर इशारा करते हैं, जबकि संबंधित डॉक्टर की योग्यता BHMS (होम्योपैथिक) बताई जा रही है।

स्वास्थ्य नियमों के जानकारों के मुताबिक, इसे क्रॉस पैथी (Crosspathy) कहा जाता है, जो कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
CMO को दी गई जानकारी, कार्रवाई का इंतजार
इस पूरे मामले को लेकर जागरूक नागरिकों द्वारा सोनभद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप के माध्यम से लिखित शिकायत भेजी गई है। शिकायत में साफ शब्दों में मांग की गई है कि— म्योरपुर सीएचसी में चल रही अनियमित चिकित्सा व्यवस्था की जांच कराई जाए, दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई हो, मरीजों को सरकारी स्तर पर दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं. हालांकि, खबर लिखे जाने तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
बड़ा सवाल: जिम्मेदार कौन?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि—
- क्या स्वास्थ्य विभाग को इस व्यवस्था की जानकारी नहीं है?
- या फिर डॉक्टरों की कमी के नाम पर नियमों से समझौता किया जा रहा है?
- यदि किसी मरीज के साथ कोई गंभीर अनहोनी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
ग्रामीण अंचलों में पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। ऐसे में नियमों से परे इलाज आम जनता के विश्वास को तोड़ने जैसा है।
जनता की मांग: व्यवस्था सुधरे
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि म्योरपुर सीएचसी में—
1. योग्य एलोपैथिक डॉक्टरों की तत्काल तैनाती की जाए
2. चिकित्सा पद्धति के अनुसार ही इलाज सुनिश्चित किया जाए
3. मरीजों को बाहर की दवाइयों से निजात दिलाई जाए
4. पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए
अब निगाहें सीएमओ सोनभद्र और जिला प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर आरोप को कितनी गंभीरता से लेते हैं, या यह मामला भी दबकर रह जाएगा।
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