सोनप्रभात – पंचायत चुनाव 2021
यूपी पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को पंचायतीराज विभाग आरक्षण के निए शासनादेश जारी करेगा। अब 2015 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण किया जाएगा। पंचायतीराज विभाग सभी जिलाधिकारियों को आरक्षण तय करने का शेड्यूल भेजेगा। इसमें पंचायतों की सीटों के आरक्षण को तय करते हुए उनके आवंटन की अनंतिम सूची के प्रकाशन, उस पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित करने और उनका निस्तारण करने के बाद अंतिम सूची के प्रकाशन की समय सारिणी भी होगी। हाईकोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया 27 मार्च तक पूरी करने को कहा है।
- कैबिनेट में प्रस्ताव को मिल चुकी है मंजूरी :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हाईकोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा के अनुसार 25 मई तक ही राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बता दें कि प्रदेश सरकार ने इस साल 10 फरवरी को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये पंचायतीराज अधिनियम में 2015 में तत्कालीन सपा सरकार द्वारा किए गए 10वें संशोधन को खत्म करते हुए 11वां संशोधन किया था और 11 फरवरी को इस बाबत पंचायतीराज विभाग ने नया शासनादेश जारी किया था।इस संशोधन के जरिए वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर पंचायतों की सीटों का आरक्षण तय किया गया था। सपा सरकार ने उस संशोधन के जरिये ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों की सीटों का आरक्षण शून्य करते हुए नए सिरे से इन सीटों का आरक्षण तय किया था। मंगलवार को प्रदेश सरकार ने 10 फरवरी को पंचायतीराज अधिनियम में किये गये 11वें संशोधन को वापस लेते हुए 12वां संशोधन किया, जिसके तहत सपा सरकार में किए गए 10वें संशोधन को फिर से बहाल किया गया।
अब इस बार के पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों के सभी पदों का नए सिरे से आरक्षण तय होगा। चक्रानुक्रम के अनुसार ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत के पदों के लिए 2015 में तय किए गए आरक्षण के आगे के क्रम में आरक्षण तय होगा क्योंकि 2015 में इन दोनों पदों का आरक्षण शून्य करते हुए नए सिरे से आरक्षण तय किया गया था। क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों, ब्लाक प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण 2015 में 2010 के चक्रानुकम से आगे बढ़ा था, अब 2015 में इन पदों का आरक्षण जहां पर छूटा था वहां से आगे बढ़ जाएगा।
- एक जिले में एक ही दिन होगा पंचायत चुनाव, चुनाव आयोग ने जारी किए दिशा-निर्देश।
यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। प्रशासनिक अमले में तेजी के साथ ही राज्य निर्वाचन आयाेग भी पूरी तरह से मुस्तैद है। आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा की ओर से पत्र भेजा गया है। इस पत्र के अनुसार इन चारों पदों के लिए एक जिले में एक ही बार में मतदान करवाया जाएगा। प्रत्येक चरण में 18 या 19 जिले होंगे। इस तरह से पूरा पंचायत चुनाव चार चरणों में सम्पन्न करवाया जाएगा।
पंचायत चुनाव में इस बार हर पोलिंग बूथ पर तीन के बजाए दो मतपेटी ही उपलब्ध करवाई जाएंगी। चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद अगर किसी मतदान स्थल पर भारी संख्या में उम्मीदवार हो जाएंगे तो वहां हर पोलिंग बूथ पर तीन मतपेटी दी जाएंगी। एक मतपेटी में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के चारों पदों के मतपत्र डाले जाएंगे। एक मतपेटी भरने के बाद दूसरी मतपेटी इस्तेमाल की जाएगी।
अपर निर्वाचन आयुक्त की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जिले के विकास खण्डों का चुनाव एक ही चरण में सम्पन्न करवाए जाने के की स्थिति में कुछ जिलों में उपलब्ध कार्मिकों के अलावा अन्य कार्मिकों की जरूरत पड़ेगी, जिनको मण्डल के अन्य जिलों से लेकर जरूरत को पूरा किया जाएगा। आयोग ने निर्णय लिया है कि हर मण्डल में एक चरण में एक जिले का चुनाव करवाया जाएगा। अगर किसी मण्डल में जिलों की संख्या 4 से अधिक है तो किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ मतदान सम्पन्न करवाया जाएगा। पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी के अलावा तीन मतदान अधिकारी होंगे। पोलिंग पार्टी का चयन रैण्डमाइजेशन पद्धति से करवाया जाएगा। चूंकि महिला कार्मिकों की संख्या आवश्यकता से कम है। इसलिए साफ्टवेयर में हर पोलिंग पार्टी के लिए एक महिला कार्मिक को रखने की अनिवार्यता नहीं होगी। सभी कार्मिकों का प्रशिक्षण एक ही बार में होगा।
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