लेख:- यू.गुप्त – सोनभद्र/रेनुकूट – सोन प्रभात
जनपद में आज मंगलवार को सुबह से लोगों ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए तो दोपहर में उनकी बरात निकाली गई। महाशिवरात्रि के दिन शहर के प्रमुख शिवालयों में सबसे ज्यादा शिवापार्क दुर्गा मंदिर में भीड़ रही। निर्जला व्रत रखने वाले श्रद्धालु आज महादेव की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है।

महाशिवरात्रि पर यूपी के सोनभद्र जिले में रेणुकूट में भोले की बारात निकाली गई, इसमें हजारो लोग शामिल हुए। शिव का किरदार निभा रहे कलाकार ने असली सांपों के साथ खेल दिखाया, जोकि आकर्षण का केंद्र रहा।भूत भावन की बारात में शामिल लोगों ने जमकर डांस किया। ठंडई का भी आनंद लिया।

रास्ते में बारात का जगह-जगह स्वागत किया गया। इस बीच कई स्थानों पर लोगों ने शर्बत व मिष्ठान वितरित कर व देवी देवताओं की झांकियों का तिलक कर स्वागत सत्कार किया। इस मौके पर भारी संख्या में लोग बारात में शामिल रहे।

बारात में भगवान शंकर के गण शनिचर, राहु, भूत, अनूठी थी भगवान शंकर की बारात, भूत-प्रेत-पिशाच थे बाराती।

के रूप में सजे कलाकार बारात का विशेष आकर्षण रहे। वहीं बारात में एक अलग ट्रैक्टर पर गर्जना करते चल रहे शिवजी के बारातियों ने अपने विशेष आदेशों से लोगों को हंसाया।

भगवान शिव की बारात के बारे में माना जाता है कि इसमें भूत-प्रेत नाचते हुए पार्वतीजी के घर तक पहुंचे थे और बारातियों ने सजने धजने की बजाय खुद पर भस्म को रमाया हुआ था। आइए हम सब जानते हैं कि शिव विवाह से जुड़ा किस्सा।ऐसा माना जाता है कि विवाह की तिथि निश्चित कर दिये जाने के बाद भगवान शंकर जी ने अपने गणों को बारात की तैयारी करने का आदेश दिया। उनके इस आदेश से अत्यन्त प्रसन्न होकर गणेश्वर शंखकर्ण, कंकराक्ष, विकृत, विशाख, विकृतानन, दुन्दुभ, कपाल, कुण्डक, वीरभद्र आदि गणों के अध्यक्ष अपने अपने गणों को साथ लेकर चल पड़े। नन्दी, क्षेत्रपाल, भैरव आदि गणराज भी कोटि कोटि गणों के साथ निकल पड़े। ये सभी तीन नेत्रों वाले थे। सबके मस्तक पर चंद्रमा और गले में नील चिन्ह थे। सभी ने रुद्राक्ष के आभूषण पहन रखे थे। सभी के शरीर पर उत्तम भस्म पुती हुई थी। इन गणों के साथ शंकर जी के भूतों, प्रेतों, पिशाचों की सेना भी आकर सम्मिलित हो गयी। इनमें डाकिनी, शाकिनी, यातुधान, बेताल, बह्मराक्षस आदि भी शामिल थे।

इन सभी के रूप रंग, आकार प्रकार, वेष भूषा, हाव भाव आदि सभी कुछ अत्यन्त विचित्र थे। किसी का मुख नहीं था तो किसी के बहुत से मुख थे। कोई बिना हाथ पैर का था तो कोई बहुत से हाथ पैरों वाला था। किसी के बहुत सी आंखें थीं तो किसी के एक भी आंख नहीं थी। किसी का मुख गधे की तरह, किसी का स्यार की तरह तो किसी का मुख कुत्ते की तरह था। उन सभी ने अपने अंगों में ताजा खून चुपड़ रखा था। कोई अत्यन्त पवित्र तो कोई अत्यन्त वीभत्स तथा अपवित्र वेष धारण किये हुए था। उनके आभूषण बड़े ही डरावने थे। उन्होंने हाथ में नर कपाल ले रखा था। वे सब के सब अपनी तरंग में मस्त होकर नाचते गाते और मौज उड़ाते हुए महादेव शंकर जी के चारों ओर एकत्र हो गये।

Son Prabhat Live News is the leading Hindi news website dedicated to delivering reliable, timely, and comprehensive news coverage from Sonbhadra Uttar Pradesh + 4 States CG News, MP News, Bihar News and Jharkhand News. Established with a commitment to truthful journalism, we aim to keep our readers informed about regional, national, and global events.

