सम्पादकीय(सोनप्रभात टीम)
एस०के०गुप्त’प्रखर’ की कलम से
आप अपने स्वजनों जिनके लिए आम दिनों में समय नहीं निकाल पाते उनके साथ इस लॉक डाउन में रिश्तों को जीकर जरा देखिए। यकीनन आपको अपना घर स्वर्ग से भी सुन्दर लगने लगेगा।
सभी लोग इस लॉक डाउन मे स्वध्याय साधना से अपनी संकल्प एवं आंतरिक शक्ति को बढ़ा सकते है। यह एक ऐसी दिनचर्या है, जो तन एवं मन की दुर्बलता का निर्मूलन करती है।
कोरोना की चुनौतियों के बीच लॉकडाउन के चलते दिन बिताना और भी कठिन हो गया है। ऐसी विषम परिस्थिति में धैर्य एवं संयम ही हमारा सबसे बड़ा साथी है।
हुम् सभी को भी यह समझना होगा कि शांति, समाधान और स्थायी प्रसन्नता की खोज की सहज उपलब्धि एकांत एवम अपने स्वजनों के बीच ही संभव है। यह अनुभव करने की बात है कि स्वस्थ और सकारात्मक चिंतन से परिपूर्ण एकांत सृजन का आधार होता है। हमेशा अनुशासन और तत्परतापूर्वक से ही आत्म सुधार किया जा सकता है।यही जीवन की अमूल्य निधि है। …और हां! आप अपने स्वजनों , जिनके लिए आम दिनों में समय नहीं निकाल पाते, उनके साथ इस लॉक डाउन में रिश्तों को जीकर देखिए। यकीनन, आपको अपना घर स्वर्ग से भी सुंदर लगने लगेगा।
समय काटना इस समय हुम् सभी लोगो के लिए चुनौती है। दरअसल इन दिनों लॉकडाउन के समय अधिकतर लोग घरों में बंद है। उनके पास करने के लिए कुछ खास नहीं है। जो लोग 24 घंटे व्यस्त रहते थे इन दिनों उनके पास पूरे दिन करने के लिए कोई काम ही नहीं है। वो अपने घर में ही बंद है। सुबह उठने के बाद उनके पास टीवी देखने के अलावा और कुछ घरेलू कामों के अलावा अन्य कोई काम नहीं बचता है। इस वजह से उनके लिए समय काटना एक चुनौतीपूर्ण काम है।इस दौरान आप अपने पुराने फ़ोटो एल्बम और पुराने घर के वीडियो को देखकर अपनो के बीच आनंद का अनुभव कर सकते है। इस तरह की कुछ चीजों को करके वो अपना धैर्य और उत्साह बनाए रख सकते हैं।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.