June 24, 2025 5:22 PM

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लोकनिर्माण विभाग की उदासीनता के कारण हाथीनाला – रेनुकूट की सड़कें सिकुड़ती जा रही, दुर्घटनायें लगातार।

डाला- सोनभद्र -: अनिल कुमार अग्रहरि – सोनप्रभात

डाला सोनभद्र- हाथीनाला थाना से रेणुकूट तक वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग रीवा-रांची नेशनल हाईवे के नाम से जाना जाता है, जो अब किलर रोड बनता जा रहा है। उसके बाद भी मार्ग की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। लगातार सिकुड़ती सड़क, पटरी के किनारे एक से तीन फीट के बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को निमंत्रण दे रहे हैं। हाथीनाला से रेणुकूट सड़क की मरम्मत तो हुआ परन्तु सड़क किनारे के पटरी पर गड्ढे नही भरे गए। राहगीरों में खतरा का भय बना रहता है।

क्षतिग्रस्त पुलिया, पटरी,वर्षों से छतिग्रस्त पड़ी है। कहीं-कहीं तो पटरी का नामोनिशान ही नहीं है।
विभाग समय-समय पर पटरी की मरम्मत, गड्ढे भरने का कार्य मात्र कागजों पर करके खानापूर्ति में लगा है। हाथीनाला से रेणुकूट तक मुख्य मार्ग पर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। हाथीनाला से रेणुकूट मार्ग पर बने पुलिया व सड़क की पटेरिया हादसे को दावत दें रही हैं। देखा जाय तो ऐसे बहुत सी कोयला लदी ट्रेलर , पिकप, बस, मोटरसाइकिल हादसे का शिकार भी हो चुके है। व कईयों की जाने भी जा चुकी हैं। चालकों में रोष है कि शिकायत किस्से किया जाय ।

हमेशा डर बना रहता है कि पुलिया पर पहुंचने के साथ कोई सामने से गाड़ी न आ जाय । हाथीनाला से लगभग 4 से 6 की किलोमीटर की दूरी में रेणुकूट मार्ग पर तीन जगह पुलिया का रेलिंग दिखता ही नही है कि कभी बना भी था या नही। बिभाग अपना करनी को छुपाने के लिए लाल झंडा गाड़ दे रही है व पत्थर रख संकेत चिन्ह लगा दे रही है कि गाड़ी वाले खुद देख कर चलाएं। पटरी की बात करें तो कही एक फिट कही दो फिट तो कही तीन-तीन फीट लंबे लंबे गड्ढे पड़े हुए है। लोकनिर्माण विभाग की उदासीनता के चलते ही सड़कें सिकुड़ती जा रही हैं।

मुख्य मार्ग पर पटरी का नामोनिशान नहीं है। दो पहिया व पैदल चलने वालों को जान हथेली पर ले कर चलना पड़ता है। पटरी कइयों के जान ले चुकी है फिर भी विभाग सुधि नहीं ले रहा है। चालकों में अनिल निवासी हथवानी, राजकुमार निवासी रेणुकूट, रामजी निवासी डाला ने पटरी व पुलिया के सम्बंध में विभाग के उच्चाधिकारियों समेत जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मरम्मत की मांग की है।
इस सम्बंध में हाथीनाला थाना प्रभारी सूर्यभान सिंह ने बताया कि कितना जान जोखिम में डाल कर गाड़ी वाले इस सड़क और चलते है। जब कि पटरी की वजह से कई हादसे हो भी चुके है। इसके सम्बन्ध में हमने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है इस सम्बंध में लिखित दिया गया है।

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