March 14, 2025 3:50 AM

Menu

लौआ नदी पुलिया निर्माण की लेटलतीफी से आमजन का जीना मुहाल

जितेंद्र चंद्रवंशी -दुद्धी, सोनभद्र (सोनप्रभात)

 

  • 👉जान जोखिम में डालकर मोटरसाइकिल नदी से पार कर रहे हैं लोग                 
  • 👉गंभीर रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि अस्पतालों से रेफर मरीजों के लिए निर्माणाधीन लाइफ लाइन पुलिया मौत की वजह बन रही
  • 👉हाथीनाला से दुद्धी का 20 रुपए की जगह ₹40 खुलेआम वसूले जा रहे
  • 👉जनता के हुए नुकसान की पाई पाई मुकदमा दर्ज कर वसूला जाए
  • 👉सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नागेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने उच्च स्तरीय जांच की मांग जिलाधिकारी महोदय से की है

 

 

 

 

 

दुद्धी,सोनभद्र।ग्राम बीडर स्थित लौआ नदी निर्माणाधीन डायवर्जन पुलिया बीपी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाई जा रही है परंतु कार्यदायी संस्था की चूक ने आम आदमियों का रोजी-रोटी पर गंभीर संकट,गंभीर रूप से रेफर मरीज को लेकर जिला मुख्यालय दुर्गम रास्तों से लेकर जाना, एक्सीडेंटल आदि गंभीर मरीजों के लिए मौत की वजह बन रहीं, दिनांक 17 जून 2021 के देर रात्रि डायवर्जन पुलिया बहने से जनजीवन आम आदमी का अस्त-व्यस्त हो गया है।

 

भोली भाली आदिवासी ग्रामीण जनता अपनी बेबसी लाचारी पर माथा पीट रही,बीडर गांव से पर्याप्त मात्रा में सब्जी की उपलब्धता आसानी से हो जाया करती थी अब ज्यादातर सब्जियां रेणुकूट ओबरा, रेनू सागर आदि मंडियों की शोभा बढ़ा रहे हैं, जिससे नगर में सब्जी के दाम आसमान छू रहे, छोटे-छोटे सब्जी व्यापारी आसानी से दुद्धी मार्केट में सब्जी लेकर आते थे वह भी अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे हैं, आखिर आमजन जिए तो जिए कैसे?

सामाजिक राजनीतिक चेतना शून्य जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोगों तक वर्ष पहले मिले महज लगभग 100 फीट लंबी पुलिया के निर्माण में इतना समय क्यों?

 

लगा यह उच्च स्तरीय जांच का विषय हैं।अभी बीपी कंस्ट्रक्शन कंपनी डायवर्जन रूट निर्माण में हीं पसीना बहा रही तो अंग्रेजों के जमाने का तोड़ा गया पुलिया कब तक बनकर तैयार होगा? जिसका अब तक 10% भी काम नहीं हो सका है, लापरवाही के कारण महज हाथीनाला से दुद्धी 18 किलोमीटर की यात्रा मूल्य जहां ₹20 लगता था अब वाहन स्वामी ₹40 खुलेआम वसूल रहे, वादकारियो को न्यायालय में उपस्थित होने में हों रहीं परेशानी, कितने गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो चुकी।इन सभी अनचाहे पापों की प्रायश्चित बेबस लाचार जनमानस कर रहा है।

कल देर शाम तक लगभग 40 पाइप डाले जा चुके थे परंतु लगभग 12 दिनों व्यतीत हो जाने के बाद भी आवागमन का मार्ग बहाल नहीं हो सका।आम आदमी ने अब तक जो आर्थिक नुकसान झेला है,और जो गंभीर मरीजों के आवागमन में जनधन की हानि हुई है।

 

 

उसकी एक-एक कीमत कार्यदायी संस्था से वसूले जाने की जरूरत है जिससे आदिवासी बहुल क्षेत्र में कार्य करने वाली कार्यदायी संस्थाओं जो यहां की प्रकृति का जमकर दोहन करती हैं और खुलेआम मानक की अनदेखी सिंडिकेट के तहत किया जाता है।

ऐसे लोगों पर जनता के हुए नुकसान की पाई पाई मामला पंजीकृत कर वसूले जाने की आवश्यकता है, वरना यही कहा जाएगा अंधा कानून है l जबकि सबूत और गवाह सब सामने है तो जनता ही क्यों अग्नि परीक्षा से जुझे,यहाँ सिर्फ पैसों की भाषा सुनी और समझी जाती है।

जनहित में सिविल बार एसोसिएशन अध्यक्ष नागेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने उच्च स्तरीय जांच उपरांत कार्यवाही किए जाने की मांग जिला अधिकारी महोदय सोनभद्र से किया है l

Ad- Shivam Medical

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On