• जब रक्षक ही बने भक्षक तो कैसे बचे जंगल, जमीनें और वन संपदा।
Sonbhadra News: वेदव्यास सिंह मौर्य /सोनप्रभात
नगवां,सोनभद्र। सोनभद्र वन प्रभाग के रामगढ़ रेंज के अन्तर्गत नगवां ब्लाक के लोढ़ा गांव में वन दरोगा देवनाथ द्वारा सैकड़ों बीघा जमीन पर कब्जा करा दिया गया है, साथ ही वन विभाग द्वारा वर्ष 2020 में पल्हारी गांव में वनविभाग की भूमि पर पौधरोपण किया गया था, जिसे वन दरोगा देवनाथ ने अवैध रूप से लाभ प्राप्त करके जंगल की भूमि पर लगे पौधों को कटवाकर धान की रोपाई करवा दिया। वन दरोगा ने पल्हारी गांव के रहने वाले शंकर नामक व्यक्ति को वाचर रखा हुआ है, जिसके द्वारा वन दरोगा के कहने पर लोढ़ा गांव में सड़क किनारे की जमीन पर अपने साथी सुमेर तथा रामलाल को भी कब्जा करा दिया गया है।
अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण को लेकर वन दरोगा की नियति सही प्रतीत नहीं होती है। जिसकी सूचना रालोद जिलाध्यक्ष रामसेवक पटेल ने पत्र के माध्यम से प्रभागीय वनाधिकारी सोनभद्र को दिया था, लेकिन लगभग डेढ़ माह बाद भी उसकी जांच नहीं की गई। पत्र में जिलाध्यक्ष द्वारा वन दरोगा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गई थी।
यह मामला जब पूर्वांचल नव निर्माण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीकान्त त्रिपाठी जी के संज्ञान में आया तो उन्होंने मंच के सोनभद्र जिलाध्यक्ष एवं युवा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश सचिव श्री अभय पटेल से मामले को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को अवगत कराने के लिए कहा। इस पर श्री पटेल ने ट्वीट कर मामले को माननीय मुख्यमंत्री तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री से जांच कमेटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ ही अवैध रूप से वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।
जब मामले को लेकर रामगढ़ वन रेंजर से बात की गई तो इस मामले की जानकारी नहीं होना बताया वही जब क्षेत्रीय वन दरोगा से बात की गई तो मामले को टालते नजर आ रहे थे।
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