June 25, 2025 3:53 AM

Menu

वरिष्ठ कवि एस पी तिवारी “सत्य” हुए सम्मानित।

विंध्य नगर – सिंगरौली – सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”सोन प्रभात

बैढन स्थिति होटल टाइगर इन के सभागार में मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन इकाई सिंगरौली द्वारा एक वरिष्ठ कवि एवम साहित्य सम्मेलन इकाई सिंगरौली के अध्यक्ष एस पी तिवारी का विदाई सह काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे सासन,जयंत, विंध्य नगर एवम स्थानीय कवियों ने शिरकत की। मां सरस्वती के पूजन के पश्चात काव्य गोष्ठी का आगाज सासन से पधारे गजल कार कृष्णा प्रसाद सोनी “किशन” ने अपने सु मधुर स्वर में माँ वाणी वंदना से किया!! गोष्ठी का संचालन कर रहे वरिष्ठ एवम आशु कवि नारायण दास “विकल” ने उपस्थित कवियों को आमंत्रित कर आसंदी पर बैठने का अनुरोध किया!!

गोष्ठी एवम सम्मान समारोह की अध्यक्षता वयोवृद्ध तथा प्रतिष्ठित कवि उमाशंकर लाल श्री वास्तव ने करते हुए काव्य गोष्ठी प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की है!! सर्व प्रथम सासन से पधारे वरिष्ठ शिक्षक व कवि सुरेंद्र प्रसाद शाह ने अपनी रचना “असफलता से राह, मेहनत से चाह! फिसले पांव तो क्या हुआ, पथ तो तुमने देखा है सुनाकर एक सकारात्मकता का संदेश देने का प्रयास किया !! इसी ऊर्जा को प्रवाहित करते हुए जयंत से पधारे कवि भाई लाल शर्मा ने “प्रेम की दुनियां खुद से सजाते रहे,लेखनी से सदा पुष्प खिलाते रहे।


जग मग रहे ये दुनिया सदा, ह्रदय प्यार से हम सजाते रहें!! सुनाकर खूब वाह वाही बटोरी!! एन सी एल निगाही से पधारे रचनाकार अवधेश कुमार नामदेव ने आज के मुख्य अतिथि एस पी तिवारी के विदाई समारोह को भावुक क्षणों में बदल लिया आपने कवि श्री तिवारी जी के व्यक्तित्व पर भाव व्यक्त करते हुए बताया आप ने हम जैसे अनेक रचनाकारों को कलम पकड़ना सिखाया है ,साहित्य का इस क्षेत्र में वृक्षारोपण का श्रेय मेरे काव्य गुरु तिवारीजी को ही जाता है, उनके रचना की एक बानगी इस वियोग को बयां करता है ” वह ताज ही तुम्हें क्या दूं, जो महल छोड़ गए,तुझे बेवफा ने गम दिए,मुझे हालात छोड़ गए।

माहौल को इस वियोग श्रंगार से बाहर निकालते हुए सर्व विधा संपन्न, मानवता वादी एवम समसामयिक संदर्भों पर पैनी नजर रखने वाले वरिष्ठ रचनाकार प्रिवेंदु दुबे चंचल नेश्री एस पी तिवारी को “सत्य “उपनाम देते हुए इनके कृत्रित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया आप यह विगत चालीस वर्षों से बिजली विभाग में सेवा करते हुए भी जहां भी रहे आपने काव्य लेखन धर्म को कभी नहीं छोड़ा आप ने रीवा हो या सिंगरौली अनेक कवि सम्मेलनों का आयोजन कर काव्य धारा को गति प्रदान करते रहे!! इस भावुक क्षणों में आप ने ” हो सके तो जिंदगी को, रस मधुरता का पिलाना सीख लो” सचमुच ही आज इस विदाई एवम सम्मान समारोह सुख और दुख का मिश्रण ही था, अगले पायदान पर गजल कार तथा सबसे कम वय के कवि संजीव कुमार पाठक “सौम्य “काफी गमगीन दिखे क्यों की ग्यारह साल आपको श्री तिवारी का सानिध्य प्राप्त हुआ है ।

आपकी रचना ” जो चढ़ रहे कालीनों पर, पगडंडियों के हाल भूल गए!! सासन से पधारे गीत और गजल कार कृष्णा प्रसाद सोनी ( किशन) ने ” खुशियों में डूबा रहे, जीवन श्रीमन आपका,दुख का सूरज लालिमा भी, ना असर दे आपका!! सुनाकर अपनी भावनाएं व्यक्त की!! अगले पायदान पर वरिष्ठ कवि व्यंग्य कार , दोहाकार तथा दैनिक न्यूज सोन प्रभात के सह संपादक सुरेश गुप्त ग्वालियरी ने आदरणीय तिवारी जी के दीर्घ आयु एवम स्वाथ्य की कामना करते हुए कहा मानव जीवन में हम कभी सेवा मुक्त हो ही नहीं सकते हां स्थिति बदल सकती है आप की दो पंक्तियां प्रस्तुत है,
सेवा मुक्त होते नही, केवल बदले रूप, कल तक अनुबंधित रहा,तेरा निजी स्वरूप!!
सुख स्वास्थ्य औ समय का, रखिए हर पल ध्यान! अब समाज में बांटिए,निज अनुभव का ज्ञान!!
अब बारी थी सफल संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि ” विकल” जी की !! आपने अनेक मुक्तक,गीत सुनाकर गोष्ठी को ऊंचाइयां प्रदान की ,एक बानगी देखिए, जिंदगी जिंदगी में जिंदगी,कांटो का उपहार है जिंदगी!! अब बारी थी आज के मुख्य अतिथि एस पी तिवारी” सत्य” की !! आपने इस माटी को नमन करते हुए अपने विभागीय साथियों कवि मित्रो का आभार व्यक्त करते हुए कहा चूंकि जाना आना एक नियत का हिस्सा है लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं जहां भी रहूंगा आपको भूल नहीं सकता!! आप ने भावुकता में भी हास्य का पुट देते हुए प्रस्तुति दी !! हंसना तन की सेहत है,तो हंसी दिमागी टॉनिक भी,हंसना मन की मेहनत है तो,हंसी बदन का माणिक भी!!
गोष्ठी को समापन के और ले जाते हुए आज के समारोह के अध्यक्ष उमाशंकर लाल श्री वास्तव ने कार्य क्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए सभी कवि जनों एवम सभागार में उपस्थित श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए निम्न पंक्तियां प्रस्तुत की!!
एक ही पल जियो, फूल बन कर जिओ,शूल बनाकर ठहरना नही जिंदगी!!
इससे पूर्व आज के सम्मानित अतिथि, सेवा निवृत श्री एस पी तिवारी को साहित्य सम्मेलन सिंगरौली की ओर से माल्यार्पण करते हुए सदस्यों द्वारा श्री फल,स्मृति चिन्ह भगवत गीता एवम शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया!! के पी सोनी, सुरेंद्र शाह, तथा सुरेश गुप्त, ग्वालियरी ने इस शुभ अवसर पर अपनी साझा पुस्तक दोहा अमृत भेंट की!! अल्पाहार के बाद कार्यक्रम का समापन हो गया।

Ad- Shivam Medical

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On