December 24, 2024 6:27 PM

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शुचिता व समरसता के प्रतीक है डॉ0 लखन राम “जंगली”

सम्पादकीय – सुरेश गुप्त “ग्वालियरी’ – विन्ध्यनगर/सिंगरौली – सोनप्रभात

25 वर्ष पूर्व नगर रेनूकूट जिला सोनभद्र कवि सम्मेलन स्थल शासकीय प्राथमिक विद्यालय रेनूकूट। स्थानीय व आसपास के साहित्य कारों का जमावड़ा। इसी सम्मेलन में शामिल था एक नया अ-परिचित कवि लखन राम” जंगली” चकाचक मोटे खादी का सफेद कुर्ता पजामा पहिने, कन्धे पर थैला लटकाये उम्र करीब पैतीस बर्ष सुदूर आदिवासी व वनवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हुआ।

 

कविताओं का दौर प्रारंभ हुआ उपस्थित आद कवि जनो ने अपनी अपनी रचनाओ से माहौल काव्य मय बना दिया, भाई लखन राम “जंगली “जी को रचना पाठ के लिये आमंत्रित किया गया , सहमे व झिझकते हुए आपने माईक संभाला, मैने उत्साह बर्धंन करते हुए कहा यहाँ सब आप ही को सुनने के लिये रुके है, और प्रवाहित होने लगी एक नई काव्य धारा जिसमें माटी की खुशबू ,आदिवासी की पीड़ा ,श्रम सीकर बहाता हुआ किसान, विस्थापन का दर्द, नदी नालों से प्यास बुझाता आदिवासी वनवासी।

सच पूछो तो ऐसा काव्य पहली बार सुना गया, बहुत तालियाँ बजी, सुन्दर प्रस्तुतिकरण खूब वाह वाही बटोरी। 

 

आज जब मुझे सूचना प्राप्त हुई की भाई जंगली जी को भाजपा नेतृत्व ने एक नया आयाम प्रस्तुत करते हुए सुदूर वनवासी, आदिवासी व सुविधाओँ से वंचित किरविल क्षेत्र (जनपद सोनभद्र) जो कि छत्तीसगढ से भी सटा हुआ है। “जंगली” जी को जिला पंचायत का प्रत्याशी घोषित किया है, सचमुच वो दिन याद आ गये, जब उन्होने इनकी पीडा को काव्य के माध्यम से मुखर आवाज दी थी, सच पूछो तो आज जनपद में साहित्य सेवी, अनेक पुस्तक के रचना कार, वरिष्ठ चिकित्सक ,समाज सेवी, शैक्षणिक संस्थान के प्रबंधक, अनेको संस्थानो के अध्यक्ष, मृदु भाषी अर्थात सर्व गुण संपन्न व्यक्ति खोजना मुश्किल है। आप कवि ह्रदय और चिकित्सक दोनो है सो मुझे लगता है भविष्य में इस क्षेत्र में एक नया सार्थक बदलाव देखने को मिलेगा।
मेरी व सभी कवि मित्रो की शुभकामनाएँ आप के साथ है।

 

शेष आगामी अंक में उनके रचनाओँ के साथ… 

– सुरेश गुप्त,ग्वालियरी
कवि व पत्रकार
विन्ध्य नगर, बैढन म प्र
8795640541

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