- बाइक के लिए दहेज मांगने पर जलाकर की गई थी हत्या, अदालत ने सुनाया फैसला
Sonbhadra News | Sonprabhat | Sanjay Singh/Jitendra Chandrvansi
सोनभद्र: दहेज में बाइक की मांग पूरी न होने पर विवाहिता संगीता की जलाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषी पति दीपक कुमार गोंड और सास मंजू देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, दोनों पर 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यदि वे अर्थदंड का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें 6-6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
घटना का पूरा विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतका संगीता के भाई वीर सिंह ने 12 जून 2021 को पिपरी थाना में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया कि उनकी बहन की शादी दिसंबर 2020 में दीपक कुमार गोंड निवासी ग्राम खैराही, थाना म्योरपुर (हाल पता हिंडाल्को झोपड़ी कॉलोनी, रेणुकूट) से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई थी। विवाह में परिवार ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार उपहार दिए थे, लेकिन ससुराल पक्ष द्वारा लगातार दहेज में बाइक की मांग की जा रही थी।
संगीता को पति और सास द्वारा दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। वह इस प्रताड़ना की जानकारी अपने भाई और बड़ी बहन को देती थी, लेकिन हर बार समझाने-बुझाने के प्रयास किए जाते थे। 12 जून 2021 को दीपक कुमार गोंड ने संगीता की बड़ी बहन को फोन कर सूचना दी कि संगीता की तबीयत खराब है। जब परिजन ससुराल पहुंचे, तो उन्होंने संगीता की जली हुई लाश देखी।
परिजनों ने आरोप लगाया कि दहेज में बाइक न देने के कारण पति और सास ने मिलकर संगीता की हत्या कर दी। इस घटना की रिपोर्ट पिपरी थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
अदालत का फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुना, गवाहों के बयान दर्ज किए और पत्रावली का अवलोकन किया। सभी सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने दोषसिद्ध पाते हुए पति दीपक कुमार गोंड और सास मंजू देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
इसके अलावा, दोषियों पर 21-21 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अर्थदंड न देने की स्थिति में उन्हें 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साथ ही, जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।
अभियोजन पक्ष की दलील
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने प्रभावी रूप से पैरवी की। उन्होंने अदालत को बताया कि यह मामला दहेज हत्या से जुड़ा है और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में एक उदाहरण स्थापित हो।
न्याय का संदेश
यह फैसला दहेज प्रताड़ना के खिलाफ एक सख्त संदेश है कि ऐसे अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। संगीता हत्याकांड ने समाज को झकझोर दिया था, लेकिन अब इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।
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