July 22, 2025 5:41 PM

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संत कुमारी हत्याकांड: दो दोषियों को उम्रकैद, अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त सजा

  • सोनभद्र की अदालत ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, चार साल पुराने हत्याकांड में आया न्याय का दिन.

सोनभद्र | संवाददाता – आशीष गुप्ता/ Rajesh Pathak / Sonprabhat News 

सोनभद्र जनपद में करीब साढ़े चार साल पहले हुए बहुचर्चित संत कुमारी हत्याकांड में मंगलवार को अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्री जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दो दोषियों सैफुद्दीन पुत्र इसहाक और बब्बू उर्फ मोहम्मद कलाम पुत्र मोहम्मद शरीफ को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने की स्थिति में 4-4 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साथ ही जेल में बितायी गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।


क्या है मामला?

यह हत्याकांड 8/9 सितंबर 2020 की रात को ओबरा थाना क्षेत्र के कनहरा टोला मझौली गांव में घटित हुआ था। पीड़िता संत कुमारी, जो कि हाथ और पैर से विकलांग थीं, अपने दो मासूम बच्चों — सीता (10 वर्ष) और सूरज (5 वर्ष) के साथ घर में सोई थीं।

रात लगभग 1:30 बजे, जब सीता लघुशंका के लिए बाहर निकली, तभी पहले से घात लगाए बैठे गांव के दो व्यक्ति सैफुद्दीन और बब्बू उर्फ मोहम्मद कलाम ने घर में घुसकर संत कुमारी पर हमला कर दिया। दोनों ने संत कुमारी की गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया। जब सीता मां को बचाने दौड़ी, तो हमलावरों ने उस पर भी जानलेवा हमला किया। सीता किसी तरह खुद को बचाकर बाहर भागी और शोर मचाया, जिससे आस-पास के ग्रामीण मौके पर आ गए। तब तक हमलावर संत कुमारी की हत्या कर भाग निकले।

प्रत्यक्षदर्शी बनी बेटी, ग्रामीणों ने देखा भागते हुए

घटना के तुरंत बाद राजकुमार पुत्र अमृतलाल, जो पीड़िता का भतीजा है, ने ओबरा थाने में घटना की सूचना दी। एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की। घटना के चश्मदीदों और पीड़िता की बेटी सीता के बयान ने जांच की दिशा को मजबूत किया। पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में चार्जशीट दाखिल की।


कानूनी लड़ाई और अंतिम फैसला

मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने गहन बहस की। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने केस को मजबूती से प्रस्तुत किया और गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट तथा अन्य साक्ष्यों को अदालत के समक्ष रखा।

अंततः, न्यायाधीश श्री जीतेंद्र कुमार द्विवेदी ने गवाहों के बयान, पत्रावली और प्रस्तुत तर्कों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही, स्पष्ट किया कि यदि अर्थदंड अदा नहीं किया गया तो उन्हें चार-चार माह की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी।


मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स):

  • दोषियों: सैफुद्दीन पुत्र इसहाकबब्बू उर्फ मोहम्मद कलाम पुत्र मोहम्मद शरीफ

  • सजा: आजीवन कारावास + 30-30 हजार का अर्थदंड

  • अर्थदंड न देने पर: 4-4 माह अतिरिक्त कैद

  • जेल में बिताया समय: सजा में समाहित

  • अभियोजन पक्ष से वकील: विनोद कुमार पाठक

  • घटना की तिथि: 8/9 सितंबर 2020

  • स्थान: कनहरा टोला मझौली, थाना ओबरा, जनपद सोनभद्र


📣 न्याय की प्रतीक्षा समाप्त, परिवार को मिली राहत

इस फैसले से पीड़िता के परिवार को न्याय की उम्मीद की एक नई किरण मिली है। वर्षों की कानूनी लड़ाई और दर्दनाक इंतजार के बाद आखिरकार दोषियों को उनके किए की सजा मिली। ग्रामीणों ने भी अदालत के इस फैसले की सराहना की और इसे न्याय व्यवस्था की सशक्तता का प्रमाण बताया।

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