March 14, 2025 3:18 AM

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संपादकीय-बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए-अनिल गुप्ता

  • संपादकीय(सोनप्रभात)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए।।

 

 

इतने नखरे दिखाती हो तुम,

पल पल को तड़पाती हो तुम,

दिखती हो अगर गलती से,

अगले पल छुप जाती हो तुम।

जीवन भर के लिए तुम्हारा दीदार चाहिए,

बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए।।

 

 

गमों ने हमको घेरा भी है,

ऊपर से घर में अंधेरा भी है,

गांव की हर गलियों में होता,

सांप बिच्छुओं का बसेरा भी है।

इनकी वजह से ना हमें कंधे चार चाहिए,

बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए।।

 

 

दिनभर खेतों में काम करते हैं,

तब जाके हम पेट भरते हैं,

किसान ही किस्मत देश के,

मगर वो अंधेरे में ही मरते हैं।

हमें तो रोशन हमारा घर द्वार चाहिए,

बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए।।

 

 

बिन बिजली के छात्र पढ़ेंगे कैसे,

सफलता की सीढियां चढ़ेंगे कैसे,

मेहनत तो सब करते ही हैं,

किस्मत से मगर लड़ेंगे कैसे??

हमें तो हमारा घर उजियार चाहिए,

बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए।।

 

 

माना कि निकम्मी सरकार है,

बस व्याप्त यहां भ्रष्टाचार है,

चूड़ियां पहनी प्रशासन यहां,

गूंगे बहरों की भी भरमार है।

बिल्कुल नहीं ऐसे किरदार चाहिए,

बिजली रानी!हमें तो तुम्हारा प्यार चाहिए।।

                    ~अनिल गुप्ता (संपादक टीम-सोनप्रभात)

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