डाला/अनिल कुमार अग्रहरि/सोनप्रभात लाइव
ओबरा सोनभद्र- स्थानीय ओबरा थाना क्षेत्र के भलुआ के अंतर्गत अल्ट्राटेक सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत । गार्ड का फांसी से लटकता शव मिलने से क्षेत्र समेत आसपास लोगों बना बना चर्चा का विषय।प्राप्त जानकारी अनुसार ओबरा थाना क्षेत्र के निजी कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट के भलुआ माइंस में सिक्योरिटी गार्ड के अधिकारी ने निरीक्षण करते हुए शुक्रवार की सुबह लगभग आठ बजे न्यू क्रेसर बाउण्ड्री क्षेत्र भलुआ माइन्स पर सुरक्षा के लिए डियूटी में तैनात संतोष कुमार राय पुत्र कांता निवासी सकलडीहा जिला चन्दौली यूपी हालपता डाला चुड़ी गली को संदिग्ध परिस्थिति में एलमुनियम के तार के फंदे सहारे लटकता शव को देख भवचक रह गया वहीं आनन फानन में करीब 9.30 बजे सुबह मनोज
कुमार सिंह सेक्योरिटी इन्चार्ज भलुआ माइन्स (अल्ट्राटेक) द्वारा ओबरा थाना को सूचना दिया सूचना पाकर मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ओबरा मिथिलेश कुमार मिश्र मय पुलिस बल के साथ पहुंचकर ना जाने किसके दबाव में घटना स्थल पहुंचते ही मृतक के पिता को सूचना न दे कर मृतक के घर की महिलाओं को बुलाया गया जो महिलाएं रो रो बुरे हालतों में फंशी रहीं उसी दौरान परिजनों के बिना अनुमति के ही तत्काल मृतक के शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल भेजवा दिया गया ।इन क्रियाकलापो से थाना इंचार्ज ओबरा पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है कि मृतक के पिता को बिना सूचना दिए त्वरित कार्यवाही कैसे की गई । वहीं निजी कंपनी के जिम्मेदार लोग जिला अस्पताल शव को पहुंचाने के बाद मृतक के पिता को इस घटना से अवगत करवाया गया और ओबरा पुलिस ने पहले मृतक के पिता को ओबरा थाना बुलाया, जब मृतक के पिता ओबरा थाना पहुंचे तो वहां से फिर जिला अस्पताल लोढी बुलाया गया ,मातम के समय जिम्मेदार खेल रहे खेल। आँख मिचोली का खेल किसकी निशाने पर चला शायद बताने की जरूरत नही है। ऐसी की घटना कुछ दिन पहले अल्ट्राटेक के कालोनी परिषर में घटा जिसमे एक महिला ने फाँसी लगा ली थी । उस समय यह प्रशासन व निजी कंपनी के जिम्मेदारों द्वारा कोई त्वरित कार्यवाही नही दिखी । फिर आज अपने आपको बचाने के लिए क्यों ।इस संबंध में परिजनों का कहना है कि मृतक सुबह पांच बजे डियूटी के लिए घर से निकले थे यह घटना घट गया मृतक की दो पत्नी थी जिसके बीच पांच पुत्री व एक पुत्र हैं । सूत्रों की मानें तो वहीं इस घटना को लेकर परिजनों समेत स्थानियो में चर्चा व सवाल बनकर खड़ा हुआ कि ओबरा पुलिस को मृतक के पिता का अनुमति लेना जरूरी व घटना स्थल पर पिता को बुलवाना उचित क्यों नहीं समझा गया?